April 26, 2025

आ स. संवाददाता 
काकादेव।
  मकान के विवाद में चाचा की नृशंस हत्या करने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भतीजे समेत दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। मामले में दो अन्य आरोपी सगे भाइयों की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।
दोषियों ने नवंबर 2010 में मानसिंह की हत्या कर लाश बोरी में भर कर नाले के किनारे छिपा दी थी और मृतक की पत्नी को धमका कर खून से सने कपड़े जलवाए थे । घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस को उलझाने के लिए हत्यारोपी भाई ने ही सिर कटी लाश मिलने की जानकारी दी थी।
काकादेव मतइया पुरवा निवासी बेबी सोनकर ने बताया उसके पति मान सिंह का अपने भाई रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश सोनकर व भतीजे रवि सोनकर से विवाद चल रहा था। 6 नवंबर 2010 की रात वह पति व दो बेटियों दीक्षा व अंकिता के साथ सो रही थी।
इस दौरान मोहल्ले का युवक दिनेश पासी घर आया और उसके पीछे से जेठ रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश उर्फ बंगाली व भतीजा रवि सोनकर आ गए और पति को छुरी से काट कर मौत के घाट उतार दिया। शोर मचाने पर बेबी व उसकी बेटियों की भी हत्या करने की धमकी दी।
पीड़िता के मुताबिक हत्या के बाद आरोपियों ने उसे धमका कर खून से सने कपड़े जलवाए और पति की लाश को सीमेंट की बोरी में भर कर ले गए।
घटना के 4 दिन बाद हत्यारोपी जेठ रमेश चंद्र सोनकर ने काकादेव पुलिस को बोरी में कटी हुई लाश मिलने की सूचना दी थी। पुलिस छानबीन में जुटी थी, इस दौरान 14 नवंबर को बेबी ने जेठ–भतीजे समेत 4 लोगों के खिलाफ पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।
जिस पर पुलिस ने मृतक के हत्यारोपी भाई रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश सोनकर व भतीजे रवि सोनकर व पड़ोसी दिनेश पासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पर था। ट्रायल के दौरान हत्यारोपी कैलाश व रमेश चंद्र की मौत हो गई।
अभियोजन पक्ष की ओर से मृतक की पत्नी व बेटियों समेत 8 गवाहों ने बयान दर्ज कराए गए । कोर्ट ने हत्यारोपी भतीजे रवि सोनकर व पड़ोसी दिनेश पासी को आजीवन कारावास व 17–17 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।