May 24, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  काकादेव थाना क्षेत्र के इंद्रानगर मलिन बस्ती में आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्राइवेट कर्मचारी बाबू प्रसाद ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रात में बेटा जब नौकरी करके घर लौटा तो पिता के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद छत की टीन हटाकर अंदर घुसा और पिता को फंदे से नीचे उतार लिया। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

बाबू प्रसाद प्राइवेट नौकरी करके घर का खर्च चलाते थे। जहां भी नौकरी करने को मिल जाती थी, वहां पर काम कर लेते थे। लेकिन काफी लंबे समय से कोई काम नहीं मिल रहा था। इस वजह से घर की स्थिति काफी खराब थी। परिवार में पत्नी प्रीति देवी, बेटी पूजा, अलीशा और एक बेटा रवि है। रवि भी प्राइवेट काम करता है।
रवि के मुताबिक रोज की तरह पिता शाम को करीब 6 बजे घर आए थे। इसके बाद वह नहाने चले गए और फिर ऊपर के कमरे में पूजा करने गए। सभी को लगा कि पिता पूजा करने के बाद सो गए हैं।
रात करीब 9 बजे रवि भी ड्यूटी से लौटा। इसके बाद रवि  मां के कहने पर पिता को खाना खाने के लिए जगाने पहुंचा, तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो बेटे रवि ने छत की टीन हटाकर कमरे में देखा। तो देखा कि पिता फंदे से लटके है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को घुटने के पास से बांध रखा था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि छत की ऊंचाई कम थी। इसलिए बाबू प्रसाद ने घुटने मोड़ कर पहले अपने पैर बांधे, फिर कुर्सी में बैठे-बैठे फांसी लगा ली। घटना स्थल पर बगल में ही एक कुर्सी भी रखी मिली।
पुलिस ने शव का पंचायतनामा भर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर भावी कार्रवाई की जायगी।