January 21, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। साइबर ठगों ने एक प्राइवेट कर्मी को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 8.25 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दे दिया। पीड़ित को जब साइबर ठगी का आभास हुआ तो उसने तत्काल सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उसने कानपुर में साइबर थाना में जाकर तहरीर दी। साइबर थाना पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस के मुताबिक जिन बैंको में पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है उनका पता किया जा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भी टीमें काम कर रही है।
नगर के बर्रा 5 के ईडब्लूएस निवासी संतोष कुमार गुप्ता को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी को अंजाम दिया गया। उन्हें कुछ लोगों ने स्काइप पर कॉल किया और खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उनसे बात की। उन्हें जानकारी दी गई कि उनकी आईडी, मोबाइल और बैंक एकाउंट नम्बर दिल्ली में काम कर रहा है और इल्लीगल  एक्टिविटीज में शामिल है। इसमें ह्यूमन ट्रैफिकिंग, मनी लाड्रिंग और ड्रग स्मग्लिंग जैसे अपराध शामिल है।
पीड़ित के मुताबिक पांच दिन के डिजिटल अरेस्ट के दौरान शातिरों ने फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा खातों का वेरीफिकेशन करने का झांसा दिया और उससे दो खातों में 8.25 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। इस दौरान शातिरों ने इन्हें झांसा दिया कि खातों का वेरीफिकेशन होने के बाद पैसा वापस खाते में डाल दिया जाएगा। संतोष के मुताबिक वो लोग इस तरह से बात कर रहे थे कि पीड़ित उनकी बातों में पूरी तरह से आ गया था।
संतोष के मुताबिक जिन दो खातों में शातिरों ने पैसा ट्रांसफर कराया उसमें एक खाता सतानी रमेश के नाम पर एसबीआई की भक्ति नगर ब्रांच राजकोट से संचालित हो रहा था। वहीं दूसरा खाता रॉयल क्रिएशन के नाम का था। जो कि यस बैंक कि हीराबाग ब्रांच सूरत से संचालित किया जा रहा है। संतोष के मुताबिक जब पैसा खातों में ट्रांसफर हो गया तो वो उसे वापस करने के लिए और पैसा मांगने लगे। इसपर पीड़ित को साइबर ठगी का आभास हुआ। जिसके बाद उसने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी।
इंस्पेक्टर साइबर थाना सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले में पीड़ित की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जिन खातों में ठगी का पैसा गया उन्हें फ्रीज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अन्य तथ्यों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।