
आ स. संवाददाता
कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की महिला क्रिकेट महाप्रबन्धक की ओर से चुनी गयी टीम में मैनेजर और प्रशिक्षक की हठधर्मिता के चलते एक बार फिर से खिलाडियों और सहयोगी स्टाफ के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गयी।
दिल्ली के एक होटल में रुकी सीनियर क्रिकेट टीम और उसके सहयोगी स्टाफ के बीच मैच ना खिलाने को लेकर घमासान मच गया। महिला क्रिकेटर को हरियाणा के खिलाफ मैच में खिलाया न जाना टीम प्रबन्धन के लिए सिरदर्द बन गया। मैच न खिलाए जाने को लेकर महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और मुख्य कोच के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। टीम मैनेजर ने बीच बचाव कर मामले को सुलटाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें भी आशातीत सफलता नहीं मिल सकी।
यूपीसीए के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक सीनियर महिला क्रिकेटर ने मैच न खिलाए जाने से क्षुब्ध होकर अपना सर दीवार पर पटक लिया जिससे टीम के सदस्यों के बीच हड़कंप भी मचा रहा। टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के बीच सामंजस्य न बैठने की स्थिति में महिला खिलाड़ी के परिजनों को बुलाकर उन्हें बैरंग वापस भेज दिया गया है।
यूपीसीए की महिला टीम से जुडी एक अधिकारी के मुताबिक बुधवार की दोपहर को यूपी की टीम का मैच हरियाणा के खिलाफ खेला गया जिसमें फलक नाज नाम की खिलाडी को टीम का हिस्सा नही बनाया गया। बस उसी बात से नाराज खिलाडी ने टीम की मुख्य् प्रशिक्षक शैफाली साहू और मैनेजर भावना तोमर से मैच न खिलाए जाने का कारण पूछ डाला, तो प्रशिक्षक उसकी बातों से भडक गयी और उसे भला बुरा कहने लगी।अधिकारी के मुताबिक खिलाडी और प्रशिक्षक दोनों ही प्रयागराज मण्डल से प्रतिनिधित्व करते आ रही हैं, चूंकि बतौर खिलाडी प्रशिक्षक भी उनके ही समतुल्य है तो वह उसे नीचा दिखाने के लिए प्रयासरत रहती हैं यही कारण है कि फलक को हरियाणा के खिलाफ मैच नही खिलाया गया।दिल्ली के होटल में लगभग चार से पांच घन्टों तक मचे घमासान में परिणाम नही निकला तो बात आलाकमान तक पहुंची जिसके बाद खिलाडी के अभिवावकों को बुलाकर उसे बैरंग बिना मैच खेले ही वापस भेजने का निर्णय किया गया।
इस बारे में यूपीसीए के कई अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन सभी ने अनिभिज्ञता जाहिृर कर मामले को छिपाने का काम किया । वहीं दूसरी ओर महिला अधिकारी के मुताबिक प्रशिक्षक का बर्ताव ही खेल भावना के विपरीत है इसलिए घमासान की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता।