
आ स. संवाददाता
कानपुर। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले एक कपड़ा कारोबारी के बेटे को शहर के एक सटोरिये गिरोह ने बंधक बना लिया। गिरोह ने छात्र से एविएटर ऑनलाइन गेम खिलवाया। जब वो पहली रकम जीता तो और पैसे गिरोह ने लगा दिए। इसके बाद जब छात्र दो गेम हारा तो शातिरों ने उसे बंधक बना लिया और छात्र के परिवार से फिरौती मांगी गई। परिजनों ने पैसे दे दिए। तब छात्र किसी तरह से गिरोह के चुंगल से छूटकर भाग निकला। उसके बाद छात्र अपनी मां के साथ काकादेव थाने पहुंचा और आपबीती सुनाकर पुलिस को तहरीर दी। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू करके एक संदिग्ध को उठाकर उससे पूछताछ भी शुरू कर दी है।
जालौन के कदौरा निवासी कपड़ा कारोबारी का बेटा काकादेव थानाक्षेत्र के ओम चौराहे के पास स्थित एक हॉस्टल में रहता है। कारोबारी का पुत्र पिछले एक वर्ष से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। छात्र की बड़ी बहन नीट की तैयारी कर रही है। मां गृहिणी हैं। पीड़ित छात्र की मां ने काकादेव पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके बेटे से पांच हजार रुपये गोपाला टावर के पास के निवासी युवक ने लिए थे। कुछ दिन बाद बेटे ने दिए हुए रुपए मांगे तो उसने देने से मना कर दिया। इसके बाद युवक ने उनके बेटे से कहा कि तुम्हे 24 हजार रुपये दे रहा हूं, ऑनलाइन गेम खेलो जो उससे लाभ होगा तो उससे तुम्हारे पांच हजार रुपए वापस कर दूंगा। छात्र के अनुसार इस पर उसने अपने रुपए निकालने के लिए 24 हजार रुपए ले लिए और गेम खेलकर 35 हजार बना दिए और युवक को ऑनलाइन दे दिए।
छात्र के अनुसार जब उसने अपने पांच हजार रुपये मांगे तो उसने नहीं दिए। दोबारा वह युवक उसके रूम पर आ गया और ऑनलाइन एवीयेटर गेम खेलने के लिए दबाव बनाने लगा । छात्र के अनुसार इस पर उसने गेम खेलने से साफ मना कर दिया। छात्र ने आरोप लगाया कि इसके बाद उस युवक ने अपने अन्य साथियों को बुला लिया जो उसे डरा धमकाकर अपने साथ ले गए।
छात्र का आरोप है, कि उन लोगों ने उसे पूरी रात घुमाया और नशा कराया। छात्र के अनुसार उसे 12,500 रुपये दिए गए और फिर गेम खिलवाया गया। इस बार एवीयेटर गेम में वह हार गया। इसके बाद उन लोगों ने जमकर गालीगलौज की। छात्र के अनुसार वह युवक अपने चार अज्ञात साथियों के साथ उन्हें एक होटल ले गए। वहां ऑनलाइन गेम में 22 हजार रुपये डलवाए। डरा सहमा होने के कारण वह गेम ठीक से नहीं खेल सका और फिर हार गया। छात्र के अनुसार वह किसी तरह आरोपियों के चंगुल से जान बचाकर भागा। छात्र ने बताया कि डर के कारण वह घर नहीं गया। इसके बाद वह कुछ दिन बाद घर पहुंचा तो परिजनों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
इस संबंध में काकादेव थाने के एसएसआई मनोज कुमार पाठक के अनुसार पीड़िता ने प्रार्थना पत्र दिया है। चौकी इंचार्ज पांडुनगर को जांच में लगाया गया है। एक संदिग्ध से पूछताछ भी की जा रही है। जल्द मामले में आरोपों की सत्यता का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
छात्र ने आरोप लगाया कि इससे पहले उनके पिता और बहन को धमकियां दी गईं। इसके बाद 15 अप्रैल को पेपर देने कानपुर आया था। 16 अप्रैल को उन आरोपियों में से एक ने उसे मैसेज किया था। इस पर उसने मिलने के लिए गया था। वहां पहुंचा तो वहां पहले से वही सब आरोपी मौजूद थे। उन लोगों ने जमकर मारपीट की।
पीड़ित छात्र के अनुसार उसे बंधक बनाकर झूठ बुलवाकर वीडियो बनवाए गए। वह आरोपी उसे घेरकर बुलवाते रहे। ऐसा न करने पर जान से मार डालने की धमकी दी गई। गंभीर आरोप लगाया कि उससे 20 हजार रुपये की फिरौती मांगी और मंहगा फोन छीन लिया। इसके बाद मां को टाटमिल का गलत लोकेशन भिजवाते रहे और लगातार रुपये मंगवाते रहे। इसके बाद मां रात आठ बजे टाटमिल चौराहे पहुंची और कुछ भी पता न चलने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पीड़ित छात्र की मां ने पुलिस को बताया कि 17 अप्रैल को वह जब बेटे के साथ कमरे पर पहुंची तो वहां का सामान अस्त व्यस्त पड़ा था। उनके अनुसार वहां रखा एंड्रॉयड मोबाइल, बैट, घड़ी, ट्रिमर आदि सामान चोरी हो चुकी थी। छात्र ने पुलिस को बताया कि वह नीचे रहता है, वहीं मकान मालिक ऊपर रहते हैं। पीड़ित ने उन्हीं आरोपियों पर चोरी करने का शक जताया है।