
आ स. संवाददाता
कानपुर। नवाबगंज स्थित 350 साल पुराने जागेश्वर मंदिर में धूमधाम के साथ महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाएगा। भगवान शिव पार्वती के विवाह से एक दिन पूर्व 1000 महिलाएं माता की हल्दी, मेंहदी रस्म का आयोजन करेंगी।
साथ ही मंदिर कमेटी की ओर से महादेव की घुड़चढ़ी व पगड़ी रस्म भी धूमधाम से मनेगी। शाम के समय संगीत का आयोजन होगा, जिसमें महिलाए पीले वस्त्रों में सजधज कर सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगी।
जागेश्वर मंदिर प्रबंधक मंडल के अध्यक्ष जीएस मिश्र व महामंत्री प्राण श्रीवास्तव ने बताया कि प्राचीन मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर 25 से 30 हजार श्रद्धालु दर्शन को आते है। महाशिवरात्रि पर 108 किलो फूलों से महादेव का श्रंगार किया जाएगा, जिसके लिए वाराणसी से 5 कारीगर आएंगे।
25 फरवरी को माता पार्वती की मेंहदी व हल्दी रस्म का आयोजन किया जाएगा व 26 फरवरी को भगवान शिव की घुड़चढ़ी व पगड़ी रस्म होगी, जिसके लिए 11 शहनाई वादक आएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर को 30 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है।
संयोजक जितेंद्र पांडेय, उपमंत्री शिवम पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सिविल डिफेंस के 100 महिला और पुरुष वालेंटियर्स के साथ पुलिस बल की तैनाती रहेगी। 30 फीट ऊंचे मंदिर में दिव्यांगों के लिए 5 व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई।
इसके साथ ही उनके लिए अलग से एक गेट रहेगा। बताया कि 26 फरवरी को सुबह 4 बजे से रात 9:30 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। रात 11 बजे के बाद महापूजन का आयोजन किया जाएगा, जो सुबह 4 बजे तक जारी रहेगा।
मंदिर प्रबंध कमेटी के अनुसार जागेश्वर धाम में 41 दिनों तक शिवलिंग पर जल अर्पित करने से हर मनोकामना पूरी होती है। बताया गया कि प्राचीन समय पर टीले पर एक गाय घास चरने आती थीं, गाय एक टीले पर स्वत: ही दूध अर्पित कर देती थीं, जिसके बाद जागे नाम के एक केवट ने टीले की खोदाई की, जिस पर शिवलिंग प्रकट हुआ। इसके बाद मंदिर की स्थापना की गई। केवट जागे के नाम पर ही मंदिर का नाम जागेश्वर धाम पड़ा।