आ स. संवाददाता
कानपुर। ज्ञान व वाणी की अधिष्ठात्री मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। हालांकि स्कूल व कालेजों में अवकाश होने के कारण वहां पर बसंत पंचमी का पर्व नही मनाया गया। दो दिनों के बीच पडने वाले इस पर्व को कुछ ही लोगों ने मनाया।
प्रकृति के उत्सव पर संगीत साधना से जुड़े साधकों ने वीणा वादिनी के साथ वाद्य यंत्रों का पूजन किया। वहीं कुछ देवी मंदिरों में वासंती पोशाकों से श्रृंगारित देव प्रतिमाओं को पीले चावल, केसरिया खीर और पीले फलों का भोग लगाया गया।
अनेक देवालयों में भी सरस्वती का पूजन किया गया। परमट मन्दिर में भी सरस्वती पूजा व वंदना की गई।
इस दौरान संत ललितप्रभ और चंद्रप्रभ के सानिध्य में सरस्वती माता की प्रतिमा का महाअभिषेक, महापूजन व विशेष मंत्र ध्यान साधना का आयोजन किया गया ।
मंदिर के आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को उपहार स्वरूप पेंसिल, रबर, टॉफी, पेन आदि दिए गए।