
आ स. संवाददाता
कानपुर। नया सत्र शुरू होते ही स्कूलों में मनमानी फीस व काॅपी–किताबों पर कमीशनखोरी रोकने के मामले को लेकर कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सख्त रुख अख्तियार किया है। डीएम ने कहा कि अभिभावकों की शिकायत का निस्तारण स्कूल प्रबंधक 15 दिनों में करे। निराकरण न होने पर अभिभावक जनपदीय शुल्क नियामक समिति में अपील करें।
डीएम ने कहा कि पहली बार गलती पाए जाने पर स्कूलों को एक्सेस शुल्क वापस करना होगा, साथ ही एक लाख का दंड लिया जाएगा। दोबारा गलती मिलने पर 5 लाख दंड का प्रावधान रखा गया है। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की संस्तुति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल इन गाइड लाइनों का पालन करें।
डीएम ने आदेश करके जनपदीय शुल्क नियामन समिति का गठन किया गया है। जिसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट, डीआईओएस, शिक्षक व अभिभावक सदस्य के रूप में होंगे। उन्होंने कहा कि शैक्षिक सत्र शुरू होने से 60 दिन पहले स्कूलों को अपनी फीस का विवरण वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। सभी शुल्कों की रसीद अभिभावकों को देनी होंगी ।
उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल कापी–किताबो की खरीदारी विशेष दुकानों से ही करने के लिए बाध्य नहीं करेगा। फीस लेने की प्रक्रिया खुली व पारदर्शी होगी। स्कूलों में प्रवेश शुल्क पहली बार केवल नए प्रवेश पर ही लिया जाएगा। परीक्षा शुल्क केवल परीक्षाओं के लिए ही लिया जायेगा।
स्कूलों द्वारा परिवहन, बोर्डिंग, मेस व शैक्षिक भ्रमण फीस ही ली जाएगी। प्रवेश के समय लिया गया प्रवेश शुल्क स्कूल छोड़ने पर वापस किया जाएगा। सभी स्कूलों में निर्धारित यूनीफार्म को 5 साल तक बदला नहीं जाएगा। शिक्षकों व कर्मचारियों के मासिक वेतन में 5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं होगी।