कानपुर। अदालत ने सजा काट रहे पूर्व विधायक की फर्जी आधार कार्ड वाले मामले को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को फर्जी आधार कार्ड से नाम बदलकर हवाई यात्रा करने के मामले में अदालत ने दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने इस मामले को बेहद ही गंभीर अपराध बताया है। इरफान के खिलाफ ग्वालटोली थाने में वर्ष 2022 में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा ने सपा से विधायक रहे इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य पर घर फूंकने की एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद से इरफान कानपुर से फरार हो गए थे। जांच के दौरान सामने आया था कि फरारी काटने के दौरान इरफान सोलंकी ने अशरफ अली के नाम से व फर्जी पते से अपनी फोटो लगा हुआ फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उससे ही देश के विभिन्न शहरों के लिए हवाई यात्रा की।फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद केस के विवेचक इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे की तहरीर पर ग्वालटोल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में नूरी शौकत, उसके भाई अशरफ अली उर्फ शेखू, इशरत, अम्मार ईलाही, अनवर मंसूरी, अख्तर मंसूरी को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने दिल्ली व मुंबई के एयरपोर्ट से पूर्व विधायक के फुटेज प्राप्त किए थे। इरफान सोलंकी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई, जिसके 17 फरवरी 2023 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी जामनत याचिका खारिज करते हुए, आरोपी को चार्जशीट दाखिल होने के बाद ट्रायल कोर्ट में द्वितीय जमानत अर्जी दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिस पर इरफान सोलंकी की ओर से एमपी-एमएलए सेशन सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। बुधवार को मामले की सुनवाई की गई। कोर्ट ने पूर्व विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी।एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने आदेश दिए कि आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा दी जा चुकी है। साथ ही फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने का मामला गंभीर प्रकृति का है, जिस पर कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की है।