December 7, 2025

संवाददाता

कानपुर। हमें खुद को कमजोर समझकर हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि अपनी कमजोरी को दरकिनार कर ईश्वर के दिए गए ‘गॉड गिफ्ट’ को पहचानना चाहिए और उसे अपनी ताकत बनाना चाहिए। कहते हैं, ईश्वर अगर हमसे कुछ छीनते हैं तो बदले में कुछ न कुछ अवश्य देते हैं।  यह कहना है बनारस के रहने वाले जन्म से ही नेत्रहीन सुधीर कनौजिया का। उन्हें ईश्वर की ऐसी कृपा प्राप्त है कि जो कोई भी उन्हें सुनता या देखता है, वह आश्चर्यचकित रह जाता है।
सुधीर कनौजिया बनारस के रहने वाले हैं। जन्म से ही उन्हें आंखों से दिखाई नहीं देता। वे दिव्यांगों के लिए आयोजित “टैलेंट हुनर शो” में हिस्सा लेने के लिए कानपुर पहुंचे। यहां उनकी अनोखी प्रतिभा देखकर लोग दंग रह गए।
सुधीर कनौजिया भले ही आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन ईश्वर ने उन्हें ऐसा अद्भुत वरदान दिया है कि वे पल भर में आज से 100 साल आगे या 100 साल पीछे की किसी भी तारीख का सटीक दिन बता देते हैं। इतना ही नहीं आने वाले 100 साल और बीते 100 साल के त्योहारों को भी तारीख और दिन सहित पल भर में पूछने पर उनकी जुबान पर आ जाता है।
जब सुधीर कनौजिया से तुरंत ही बीती हुई और आने वाली तारीखों के दिन के बारे में पूछा गया तो फटाफट पल भर में ही सुधीर ने तारीखों के दिन को बता दिया। सुधीर से 15 साल आगे की तारीख पूछी गई और 30 साल पीछे की तारीख पूछी गई, तो चंद सेकेंड में ही उन्होंने बता दिया कि उस दिन कौन सा दिन था। जिसे गूगल पर चेक किया गया तो सुधीर ने बिल्कुल सही दिन बताए थे ।
सुधीर कनौजिया ने बताया कि यह टैलेंट उनके लिए गॉड गिफ्ट है। क्योंकि उन्हें खुद नहीं पता कि वह कैसे इतनी जल्दी तारीख पूछने पर दिन बता देते हैं। इसका एहसास उनके एक टीचर ने बचपन में दिलाया था। सुधीर ने बताया कि जब वह क्लास में गणित के सवाल का जवाब देते थे तो उनके एक टीचर ने कहा कि तुम यह कैसे बता लेते हो तब भी सुधीर ने यही जवाब दिया कि यह मुझे खुद नहीं पता। इसके बाद से जब उनसे सवाल पूछे जाते तो लगातार इसी तरह से वह तारीख पूछने पर दिन बता देते इसलिए यह भगवान ने मुझे एक अनोखी प्रतिभा दी है।
सुधीर ने बताया की परिवार में पिताजी हैं और छोटे भाई बहन भी हैं। पिताजी कपड़ों में प्रेस करने का काम करते हैं। जब पता चला कि दिव्यांगों के लिए कानपुर में एक बड़ा टैलेंट शो होने जा रहा है तो परिवार ने मुझे यहां अपने टैलेंट और अनोखी प्रतिभा को सबके सामने प्रस्तुत करने को भेज दिया।