—गुमशुदा माल लिखना होगा जी. डी. पर।

आ स. संवाददाता
कानपुर। अब कीमती वस्तुएं खो जाने के बाद अगर पुलिस ने सिर्फ प्रार्थना पत्र पर मोहर लगाकर अपनी बला टालने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ मुकदमा भी लिखा जा सकता है। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी पुलिस कमिश्नरो और कप्तानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें कहा गया है गुमशुदा वस्तुओं के प्रार्थना पत्र पर रिसीविंग की मोहर लगाने के अलावा उसे जीडी में भी दर्ज करना अनिवार्य होगा। हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद डीजीपी की तरफ से यह नियम लागू किया गया है।
एटा निवासी परमानंद उर्फ परमानंद सिंह ने अपनी चेक गुम हो जाने के संबंध में कोतवाली में एक प्रार्थनापत्र दिया था। आरोप था कि कोतवाली में मौजूद सहायक जीडी लेखक ने प्रार्थनापत्र पर मोहर लगा प्राप्ति का हस्ताक्षर बनाकर दूसरी प्रति दे दिया था। लेकिन चेकबुक की गुमशुदगी जीडी में दर्ज नहीं किया। पुलिस की इस कार्यशैली से नाराज पीड़ित ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने 11 दिसंबर 2024 को याची के मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की इस कार्यशैली से नाराजगी व्यक्त की। साथ ही एसएसपी एटा को संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर न्यायालय को अवगत कराने के आदेश दिए थे।
मामला संज्ञान में आने के बाद डीजीपी ने हाईकोर्ट के आदेशों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में नया नियम लागू करते हुए गुमशुदा वस्तुओं के प्रार्थना पत्र पर मोहर लगाने के साथ ही जीडी में भी इंट्री करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीसीपी ने प्रदेश के सभी पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी को निर्देश जारी किया है। जारी निर्देश में कहा गया कि यदि किसी वस्तु, मोबाइल, चेकबुक, पासबुक, एटीएम व अन्य बहुमूल्य वस्तु गुम हो जाने के संबंध में प्रार्थनापत्र प्राप्त होता है तो उसका विवरण तत्काल जनरल डायरी व सीसीटीएनएस में इंट्री कराया जाए। यदि किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी द्वारा निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ।