आ स.संवाददाता
कानपुर। पुलिस कमिश्नरेट ने अपनी कार्यप्रणाली में एक नई पहल करते हुए मिशन शक्ति के तहत नगर की अपराध शाखा ने मिशन शक्ति चैप्टर 2 की शुरुआत की है। जिसमें न्यायालय में महिला अपराध समेत अन्य गम्भीर मामलों की सुनवाई में गवाह और आरोपी को पेश कराने में शीघ्रता बरतने पर पूरा ध्यान दिया जाये।
पुलिस अपराध शाखा से इसकी निगरानी होगी कि कोर्ट से जारी होने वाले समन पत्र और वारंट सही समय पर गवाह और आरोपी को प्राप्त हो जाए। इसके लिए पुलिस कर्मियों की डिजिटल निगरानी इस प्रणाली में शुरू की गई है। मिशन शक्ति चैप्टर 2 नाम की इस नई कार्यविधि की जिम्मेदारी पुलिस की अपराध शाखा को दी गई है।
इस नई प्रणाली के बारे में एडीसीपी अपराध मनीष सोनकर ने बताया कि इसके लिए अपराध शाखा ने एक सिस्टम बनाया है। नगर के न्यायालयो में जो पुलिस कर्मी तैनात है जो न्यायालय के समन पत्र या वारंट रिसीव करने का काम करते हैं। पुलिस अपराध शाखा द्वारा एक नया गूगल फार्म उनके मोबाइल पर अपलोड करा दिया गया है। इन पुलिस कर्मियों को गूगल एकाउंट से समन पत्र व वारंट रिसीव करके इस फार्म को भरकर इसे अपराध शाखा की मेल पर भेजना होता है। पुलिस कर्मी द्वारा भरे गए फार्म के आधार पर अपराध शाखा के कर्मी एक्सल शीट तैयार करते हैं।
एडीसीपी अपराध के अनुसार इस प्रणाली के क्रियान्वयन में दूसरा चरण पुलिस के पैरोकारों का है। इसमें कोर्ट मुहर्रिर समन पत्र व वारंट सर्व कराने के लिए पैरोकारों को देंगे। पैरोकार को समन पत्र या वारंट देते समय प्राप्त कर्ता व्यक्ति के साथ अपनी फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। इससे पुलिस अपराध शाखा को यह पता चल जाए कि उसने सही व्यक्ति को समय पर नोटिस या वारंट सर्व कर दिया है। समय पर नोटिस और वारंट तामिल होने पर गवाह या आरोपी समय में कोर्ट में पेश होगा। फलस्वरूप उस केस में सुनवाई और निर्णय समय से हो सकेगा।
पुलिस अपराध शाखा में एक माह से इस पर कार्य किया जा रहा है, इस नई प्रणाली से अब तक एक हजार से अधिक लोगों को समन पत्र और वारंट सर्व कराया जा चुका है, जिनकी फोटो और पूरा डाटा पुलिस अपराध शाखा के पास है। डिजिटल निगरानी की यह प्रक्रिया भविष्य में नियमित तौर पर जारी रहेगी। इस निगरानी विधि को अगले चरण में थाने और एसीपी कार्यालय तक में लागू कराया जाएगा।