आ स. संवाददाता
कानपुर। अधिवक्ताओं के संरक्षण अधिनियम लागू करवाने के लिए अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति पूरी तरह से सक्रिय हो गयी है। अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति के नेतृत्व में सदस्यों ने नगर के जिलाधिकारी को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करवाने की मांग दोहरायी। बार एसोसिएशन गेट से अधिवक्ता नारे लगाते जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उनको ज्ञापन सौंपा।
संघर्ष समिति के संयोजक पं. रवीन्द्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष लॉयर्स एसोसिएशन ने कहा कि न्यायालय के अधिकारी, अधिवक्ताओं पर निरंतर हमले हो रहे है। लेकिन फर्जी रिपोर्टे लिखी जा रही है। न्यायालय का आदेश है कि कोर्ट जाते आते समय अधिवक्ताओ को न रोका जाए किंतु फिर भी इलाहाबाद में अधिवक्ता को रोककर दरोगा द्वारा मारपीट की गई जो न्यायालय की अवमानना है साथ ही न्याय के प्रतीक, अधिवक्ताओं के गौरव बैंड को फाड़ा गया जो सीधे सीधे न्याय व्यवस्था पर हमला है। हमलावर पर जानलेवा हमले की रिपोर्ट के बाद भी अभी तक हमलावर को गिरफ्तार नही किया गया हम इसकी निंदा करते है । संरक्षण अधिनियम को लागू करने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई ड्राफ्टिंग कमेटी प्रदेश के अधिवक्ताओं से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर विभाग को भेज चुकी है। किंतु अधिनियम के लागू न होने से निरंतर अधिवक्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है। अधिवक्ताओं की सुरक्षा, जीवन रक्षा, संपत्ति रक्षा और फर्जी रिपोर्टों से बचाव हेतु तुरंत अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया जाना आवश्यक है।
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने ज्ञापन लेते हुए कहा कि अधिवक्तायओं का दिया गया ज्ञापन आवश्यक कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री जी को भेज दिया जाएगा।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से राम नवल कुशवाहा, अरविन्द दीक्षित, मधुर साहू, अनूप जायसवाल, योगेश कुमार, संजीव कपूर,राकेश सिद्धार्थ, आयुष शुक्ला, सूजा अब्बास, जसविंदर सिंह,जगेंद्र अवस्थी, गुलजार महेंद्र, मोबीन,अखिलेश सिंह, इंद्रेश मिश्रा, शिवम गंगवार, वीर जोशी आदि अधिवक्ता रहे।