
आ स. संवाददाता
कानपुर। भगवान राम के परम भक्त महाराजा मणिकुंडल की जयंती आज कारगिल पार्क मोतीझील में स्थित मणिकुंडल वाटिका में मनाई गई।
महाराजा मणिकुंडल का जन्म सेठ मणिकौशल के यहां हुआ था। राम वनवास के दौरान उन्होंने एक अनूठी मिसाल पेश की थी। प्रभु श्री राम के सीता और लक्ष्मण के साथ वन जाने पर, जहां अधिकांश लोग अयोध्या लौट गए, वहीं मणिकुंडल जी ने 14 वर्षों तक उनका इंतजार किया ।
उनका प्रसिद्ध कथन ‘जहां राम तह अवध है, नहीं अवध बिन राम’ आज भी उनकी राम भक्ति का प्रतीक है। अपनी भक्ति और श्रेष्ठ आचरण के कारण वे महापुर के राजा बने। आज देश के लगभग डेढ़ करोड़ अयोध्यावासी वैश्य समाज उन्हें अपना आदि पुरुष मानते हैं और प्रतिवर्ष देश भर में 100 से अधिक स्थानों पर उनकी जयंती मनाई जाती है।
इस जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद भवानी तिजी ने मणिकुंडल जी की राम भक्ति और त्याग की सराहना की। सांसद देवेन्द्र भोले ने कहा कि मणिकुंडल जी न केवल वैश्य समाज के, बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज के पूज्य महापुरुष हैं।
इस अवसर पर मणिकुण्डल सेवा संस्थान ने सांसद निधि से एक एम्बुलेंस और शव वाहन की मांग की, जिस पर सांसद ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इस समारोह में संजय बाजपेई, सिद्ध गोपाल प्रभाकर, बैकुंठ नाथ गुप्ता, मनोज गुप्ता, अमित श्रीवास्तव, मुकुंद मिश्रा, राकेश सिंह, सुनील बजाज, संतराम गुप्ता, द्वारिका प्रसाद गुप्ता, लाला भैया, श्वेता दुर्गा गुप्ता, डॉ. पूनम गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद रहे।