
आ स. संवाददाता
कानपुर। सीसामऊ सीट से पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी के मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। गैंगस्टर मामले में इरफान सोलंकी की जमानत अर्ज़ी पर सुनवाई हुई। कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा दायर किया गया। इस पर इरफान सोलंकी के वकीलों ने रिज्वांडर दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की। कोर्ट ने 8 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है । जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
कानपुर के जाजमऊ थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में इरफान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने इरफ़ान की ज़मानत अर्जी को इसी मामले में अभियुक्त उनके भाई रिज़वान सोलंकी और इजरायल आटेवाला की जमानत अर्जी से संबद्ध कर दिया है। अब तीनों की ज़मानत अर्जियों पर अदालत एक साथ सुनवाई करेगी।
26 दिसंबर 2022 को इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था। तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे ने एफआईआर दर्ज कराई थी। विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के खिलाफ शिकायतकर्ता ने गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में इरफान सोलंकी को गैंग लीडर बताया गया है। इरफान के खिलाफ गैंगस्टर को छोड़ कर दर्ज सभी मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। गैंगस्टर मामले में जमानत मिलने के बाद ही इरफान सोलंकी जेल से बाहर आ सकेंगे।
सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को एक और मामले में राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को फर्जी आधार कार्ड पर ट्रैवल करने के मामले में इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर कर ली है।
इस मामले में कानपुर के ग्वालटोली थाने में इरफान सोलंकी के खिलाफ 2022 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी करने के बाद इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर की गई है।
फर्जी आधार कार्ड पर ट्रैवल मामले में जमानत मिलने के बाद भी इरफान सोलंकी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।क्योंकि गैंगस्टर के एक अन्य मुकदमे में इरफान सोलंकी को जमानत मिलना बाकी है।
इरफान सोलंकी पिछले 2 साल से जेल में बंद है। इरफान की जमानत अर्जी पर अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद जस्टिस अजय भनोट की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से सीसामऊ कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को बड़ी राहत मिली।
रंगदारी मांगने के आरोप में दो साल से जेल में बंद इरफान और रिजवान की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को सुरक्षित कर लिया था और सोमवार को फैसला सुनाया। दोनों भाइयों की जमानत अदालत से मंजूर जरूर हो गई है। लेकिन दोनों अभी जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। क्योंकि रिजवान सोलंकी के खिलाफ अभी गैंगस्टर के मुकदमे में मुकदमा विचाराधीन है। साथ ही इरफान सोलंकी की गैंगस्टर के साथ-साथ फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा करने का मुकदमा भी न्यायालय में विचाराधीन है।
जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य गुंडों पर पड़ोसी महिला नजीर फातिमा के प्लॉट में बने अस्थाई घर को फूंकने का आरोप है। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप था, 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उसका परिवार भाई की शादी में गया था। तभी रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी। साजिश के तहत ऐसा किया गया, जिससे वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी का सामान, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था।
रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना भी इस केस में शामिल थे। इरफान और रिजवान समेत सभी दोषी इस समय में जेल में बंद हैं।
गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद विधायक और उनके गैंग की करीब 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। पूर्व विधायक के 5 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी।
जिसमें संपत्तियों की लंबी फेहरिस्त मिली है। वहीं, जब इरफान कानपुर जेल में बंद थे, तब अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे। इसके बाद उन्हें महराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया।