
आ स. संवाददाता
कानपुर। वक्फ की संपत्तियों को लेकर कराए गए सर्वे में 1670 संपत्तियां सामने आई हैं। अल्पसंख्यक विभाग के मुताबिक इनमें ज्यादातर संपत्तियां ऐसी हैं जो वक्फ में प्रयोग के आधार पर हैं और वक्फ अधिनियम की धारा 37 में दर्ज हैं। यह सरकारी अभिलेखों में भी हैं।
कानपुर में कुल 1635 सुन्नी वक्फ संपत्तियां हैं जबकि 35 शिया वक्फ की। इस तरह कुल 1670 वक्फ संपत्तियां शहर में हैं। धारा 37 में दर्ज वक्फ संपत्तियों के आधार पर हाल ही में एक सर्वे कराया गया था।
वक्फ की धारा 37 का अर्थ है कि जो भी वक्फ संपत्तियां हैं उसके अभिलेखों का इसमें इंद्राज होना जरूरी है। वक्फ को दो आधार पर गिना गया। एक तो वे जो किसी ने वक्फ के रूप में दान की थी और दूसरे जो भू उपयोग के आधार पर होती हैं। जो संपत्तियां दान के रूप में वक्फ होते हैं उनका पूरा ब्योरा यानी अभिलेख डीड आदि के रूप में होता है।
सुन्नी वक्फ के नाम यहां मुस्लिम यतीमखाना, नवाबगंज स्थित मस्जिद खैरात अली, नील वाली गली में एक सम्पत्ति, परेड स्थित वक्फ मस्जिद खलवा, कब्रिस्तान मकबरा और दरगाह पार्वती बागला रोड, फजलगंज स्थित हाता फजल हुसैन, अनवरगंज शेख अब्दुल रहीम है ।
शिया वक्फ के नाम यहां ग्वालटोली स्थित नवाब बहादर, कर्नलगंज स्थित हादी बेगम व सरदार बेगम, ग्वालटोली सुटरगंज स्थित वक्फ हाजी मोहम्मद अली खां है ।
विभागीय जानकारी के अनुसार वो सम्पत्ति जो उपयोग के आधार पर वक्फ मानी जाती हैं उसके अभिलेखों को लेकर संकट है। वह सरकारी जमीनें हैं।
वक्फ कब्रिस्तान दो तरह के माने गए। एक तो वह जो किसी ने निजी तौर पर खरीदे और वक्फ कर दिए। दूसरे वह जो किसी संस्था जैसे नगर निगम आदि ने बनवा कर दिए।
ग्वालटोली, परेड के आसपास के क्षेत्रों में कई सम्पत्तियां वक्फ बोर्ड की है। इसमें ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान, मुस्लिम यतीमखाना समेत कई सम्पत्तियां शामिल हैं। लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल पेश किया गया है। कानपुर में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक सम्पत्तियां हैं।
ऐसी जमीनें जो सरकार के स्तर से हों और सार्वजनिक रूप से उपयोग की जा रही हैं, जैसे कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिदें आदि उनके नाम वक्फ के धारा 37 के रजिस्टर में दर्ज हैं।
इनमें 548 वक्फ ऐसे हैं जिन्हें लेकर भ्रम है। इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शासन स्तर से निर्देश के बाद इन पर कोई निर्णय होगा।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि वक्फ की धारा 37 के आधार पर सर्वे कराया गया था। 548 संपत्तियां ऐसी हैं जो धारा 37 में दर्ज हैं। यह संपत्तियां उपयोग के आधार पर वक्फ रजिस्टर में दर्ज हैं। यह सरकारी अभिलेखों में भी दर्ज हैं।