आ. सं.
कानपुर। आईआईटी छात्रा ने एसीपी मोहसिन के खिलाफ दर्ज दूसरी एफआईआर के लिए अपने बयान पुलिस के सामने दर्ज कराए। छात्रा ने पुलिस से अपना दर्द बयां किया। छात्रा ने कहा कि मुझे जान का खतरा है। अगर मेरी हत्या होती है तो मोहसिन खान उसके जिम्मेदार होंगे। मोहसिन के पॉलिटिकल के साथ क्रिमिनल कनेक्शन भी हैं।
बयान दर्ज कराने के दौरान छात्रा रोती रही, कभी महिला अफसर ने उसे गले लगाकर समझाया तो कभी आरोपी को सलाखों के पीछे भेजने की बात कहकर तसल्ली दिलाई।
छात्रा ने बताया कि मोहसिन लगातार मुझे डिफेम करने की कोशिश कर रहा है। मुझे न्याय नहीं मिल रहा है, न्याय मिलने में इतनी देरी हो रही है। मोहसिन खुलेआम मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ उछाल रहा है। इतना ही नहीं मुझे लगातार जान का खतरा बना हुआ है। जब मैं मोहसिन खान के साथ रिलेशनशिप में थी, तो मेरी एसीपी से काफी बातें होती थी। मुझे मोहसिन खान के पॉलिटिकल कनेक्शन के बारे में भी पता हैं। मैंने पुलिस से रिक्वेस्ट किया है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर मोहसिन की कौन-कौन लोग मदद कर रहे हैं।
मोहसिन के हाईकोर्ट के वकील और कानपुर के वकील से कड़ी से जोड़ी जाए तो सारी जानकारी सामने आ जाएगी। इससे पुलिस को पता चल जाएगा कि मुझे किस लेवल का जान का खतरा बना हुआ है। मोहसिन और उसके नजदीकियों ने मुझे लगातार कोर्ट में अपने बयान बदलने के लिए दबाव बनाया। मेरे साथ लगातार मेंटल प्रेशर बनाया जा रहा है।
छात्रा का कहना है कि मोहसिन के अधिवक्ता को तो मैं जानती तक नहीं हूं। अधिवक्ता का काम है कि वह अपने क्लाइंट की बात को रखे। उसे क्लाइंट मोहसिन ने जो अधूरे दस्तावेज उपलब्ध कराए, उसी आधार पर उसने अपने बयान दिया है।
इस बात की जांच होनी चाहिए कि मोहसिन की वाइफ और मोहसिन ने अपने कानपुर के अधिवक्ता को क्या बोला है। मोहसिन की वाइफ ने क्लेम किया है कि उनके ऊपर और नवजात शिशु पर मर्डर का अटैम्ट किया गया है। मोहसिन की पत्नी का भी बयान दर्ज होना चाहिए। इससे चीजे और साफ होंगी। अगर मोहसिन खान चीजों को न बताता तो गौरव दीक्षित कभी ये बात नहीं बोलता।
मोहसिन की वाइफ का पुलिस को फौरन बयान दर्ज करना चाहिए। पुलिस की लेट लतीफी से साक्ष्य मिटते जा रहे हैं। मेरे ऊपर मोहसिन की पत्नी या नवजात बच्चे की हत्या का तो कोई आरोप नहीं लगा है। बाद में वह मेरे ऊपर आरोप लगाकर मुझे फंसा सकती हैं इसलिए उसकी पत्नी के भी बयान दर्ज होने चाहिए।
केस की जांच कर रही महिला अधिकारी छात्रा के बयान दर्ज करने आईआईटी कानपुर पहुंची थीं। छात्रा लगातार रोती रही और जांच अधिकारी उसे चुप कराती रहीं। छात्रा ने बताया कि मोहसिन से मेरा झगड़ा होता था तो मैं कहती थी कि मैं इधर-उधर चली जाऊंगी। तो मोहसिन कहता था कि तुम कहीं भी चली जाओ मैं तुम्हें ढूंढ लूंगा।
मैं खाने में क्या ऑर्डर कर रही हूं, मैं रूम पर हूं या घर पर हूं, उसे सब पता चल जाता है। उसे अभी तक सस्पेंड नहीं किया गया है। उसके पास सभी लीगल पावर है। वह लगातार मुझे और मेरे अकाउंट को ट्रेस कर रहा है
छात्रा ने बताया कि एसीपी मोहसिन के कानपुर ही नहीं यूपी में पॉलिटिकल कनेक्शन बहुत मजबूत हैं। उसकी मदद के लिए कई आईपीएस अफसर लगातार पैरवी कर रहे हैं। मोहसिन मेरे साथ कुछ भी करवा सकता है। मोहसिन के पूर्व विधायक इरफान के परिवार से अच्छे संबंध हैं। सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव में भी उसने इरफान के परिवार की मदद की है। इन सभी बातों के मेरे पास साक्ष्य हैं। मोहसिन ने खुद बोला था कि मेरे पास बहुत साक्ष्य हैं पहले गौरव दीक्षित फिर इब्राहिमउल्लाह सब इरफान से जुड़े हुए थे। यह सब भी जांच का विषय है। मेरी जान का खतरा है इसकी जांच होनी चाहिए।
