
आ स. संवाददाता
कानपुर। आईएमए कानपुर शाखा की ओर से आयोजित आईएमए सीजीपी कानपुर सब फैकल्टी के 42वें रिफ्रेशर कोर्स 2025 के कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली से आए डॉ. पुनीत अग्रवाल ने बताया कि बार-बार सिर में दर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसलिए इस दर्द को नजर अंदाज न करें। सिर दर्द की समस्या 50 प्रतिशत लोगों में किसी न किसी बीमारी के कारण होती है। इसलिए इसका इलाज जल्द से जल्द शुरू करने में ही फायदा है।
उन्होंने बताया कि ये बार-बार सिर दर्द होने का मतलब होता है कि ब्रेन में कही ब्लीडिंग तो नहीं हो रही या फिर ब्रेन ट्यूमर, माइग्रेन, ब्रेन अटैक और बीपी जैसी शिकायत हो सकती है।
यदि माइग्रेन का दर्द है तो उसमें व्यक्ति के सिर के एक तरफ दर्द होगा। धड़कता हुआ दर्द, उल्टी आना, आंखों की रोशनी और आवाज में परेशानी, दर्द 4 से 72 घंटे तक रहता है। ऐसे में योग आपके लिए सबसे अच्छी चीज हैं। साथ ही दवाइयों का अधिक सेवन करने से बचें।
दिल्ली की डॉ. कविता अरोड़ा ने कहा कि आज के समय में बच्चे मोबाइल में ज्यादा इंगेज हो चुके है। इससे हम बच नहीं सकते है मगर हम अपने में सुधार कर के बच्चों की लाइफ को सुधार सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें पहले खुद को बदलना होगा और अपनी स्क्रीन टाइम को कम करना होगा। बच्चों के बीच में बैठना होगा और उनसे आपसी संवाद बढ़ाना होगा, जब बच्चों को मोबाइल से ज्यादा मनोरंजन आपके पास मिलेगा तो उनका स्क्रीन टाइम जरूर कम हो जाएगा।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के डॉ. अमित केसरी ने बताया कि कोविड के बाद से हियरिंग लॉस की समस्या ज्यादा होने लगी है। वायरल इंफेक्शन के कारण कान की नसों में सूजन अधिक आने लगती है।
शुगर और बीपी की समस्या से भी हियरिंग लॉस की समस्या आती है। इसके अलावा पहले जो समस्या 60 साल से ऊपर में देखने को मिलती थी वो समस्या अब 50 से 55 साल की उम्र में आ गई है।
डॉ. केसरी ने कहा कि मोबाइल को कान में लगाने के स्थान पर यदि आप कम आवाज में ईयर बड्स का प्रयोग करते है तो वो आपके कानों के लिए ज्यादा बेहतर होगा। कान के अंदर कभी भी सफाई के चक्कर में किसी भी प्रकार के तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
मेदांता अस्पताल लखनऊ के डॉ. धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि आज के समय में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण शुगर है। शुगर गुर्दे की बीमारी का भी प्रमुख कारण है। मूत्र एआरसी से मधुमेह के मरीजों में क्रिएटिनिन से पहले गुर्दे की बीमारी का पता लगा सकते हैं।