
आ स. संवाददाता
कानपुर । सरसौल में स्थित प्राचीन श्री चतुर्भुज मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया गया। मंदिर विकास समिति की ओर से हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन हुआ।
मथुरा से आईं कथावाचिका देवी रजनी चंद्रिका गोस्वामी ने शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कार्तिकेय और गणेश जन्म की कथा भी विस्तार से बताई।
कथावाचिका ने बताया कि कृतिकाओं के घर से कार्तिकेय जब गणों के साथ कैलाश पहुंचे, तो माता पार्वती और शिवजी समेत सभी देवी-देवताओं ने उन्हें अस्त्र-शस्त्र भेंट किए।
कथा में बताया गया कि देवताओं की प्रार्थना पर कार्तिकेय को तारकासुर वध का वरदान मिला। तारकासुर से हुए महाभयंकर युद्ध में वीरभद्र और विष्णु भी उसे नहीं हरा पाए। अंत में ब्रह्माजी के कहने पर कार्तिकेय ने अपनी शक्ति से तारकासुर का वध कर दिया।
मंदिर के पुजारी जयप्रकाश शुक्ला के अनुसार श्री चतुर्भुज मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। इसकी कलाकृतियां इसकी प्राचीनता की गवाह हैं। कार्यक्रम में डॉ. संदीप गुप्ता, मधु त्रिपाठी, राहुल सिंह, रज्जन शुक्ल, शानू अग्निहोत्री और चंद्रभान सिंह परिहार समेत कई लोग मौजूद रहे।