कानपुर। शहर को रोशनी से नहलाने के लिए लगायी गयी एलईडी वाली स्ट्रीट लाइटस दो ही महीनों में अपना दम तोड चुकी हैं जिससे शहर के कई मोहल्ले और पार्क अंधेरे में डूब गए हैं। शहर के 110 वार्डों में 1,23,557 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट हैं। लेकिन, खराब पड़ी लाइटों की वजह से रात होते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। नगर निगम मार्ग प्रकाश विभाग के पास तार, स्विच न होने, ड्राइवर (एलईडी में लगने वाला उपकरण) की भी कमी की वजह से शहर अंधेरे में है। कई स्थानों मै फैले अंधेरे की वजह से वहां के क्षेत्रीय पार्षदों का जीना मुहाल हो गया है। बतातें चलें कि पार्षदों की मांग पर हर वार्ड को खरीदकर दी गईं 14-14 स्ट्रीट एलईडी लाइट्स 2 महीने में ही बुझ गयी हैं। पार्षदों का आरोप है कि घटिया क्वालिटी की स्ट्रीट लाइटें खरीदकर वार्डों में दी गईं। जिसमें से आधी से ज्यादा खराब हो गई हैं।कुछ दिनों पहले ही जहां उजाला हुआ था वहां फिर से अंधेरा छा गया है।हर वार्ड में आ रही एक जैसी समस्याओं को देखते हुये पार्षदों ने वार्डों को दी गई घटिया स्ट्रीट लाइटों की जांच की मांग महापौर से की है। इसके साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने व जिस कंपनी से लाइटों को खरीदा गया उसे ब्लैक लिस्टेड करने को कहा है। शास्त्री नगर स्थित सेंट्रल पार्क में लगाई गईं लाइटें भी बंद हो गई हैं। जिससे पार्क के आधे हिस्से में अंधेरा छाया हुआ है। स्ट्रीट लाइट की समस्या इस कदर है कि पार्षदों को खुद खंभे पर चढ़कर लाइट बनानी पड़ रही हैं।भैरोघाट में लाइटों को सुधार कार्य सुचारू नहीं होने से भी जनता अंधेरे से जूझ रही है। समस्या को लेकर वार्डों में पार्षदों को जनता घेरती है। इसको लेकर दो महीने पहले सदन में हंगामा हुआ था। जिसके तुरंत बाद हर वार्ड को नगर निगम मार्ग प्रकाश विभाग ने 14-14 लाइटें खरीदकर दी गईं।जनता को खुश करने के चक्कर में जहां ज्यादा जरूरी था वहां पार्षदों ने खराब लाइटों को उतारकर नई लाइटों को लगवा दिया। लेकिन, चंद बरसात भी लाइटें नहीं झेल पाईं और फ्यूज हो गईं। अब पार्षदों ने घटिया लाइट खरीदने का आरोप लगाया है।पार्षद लाइटों को सही कराने व नई की मांग कर चुके हैं। अब जब नई लाइटें मिलीं तो एक बार फिर से समस्या खड़ी हो गई है। पार्षद कौशल मिश्रा, नीरज कुरील, लियाकत अली, आलोक पांडेय, विवेक शर्मा, अकील शानू ने कहा कि ईईएसएल कंपनी बेहतर कार्य कर रही थी। समस्या को बताने पर तुरंत ही उसपर एक्शन होता था।जूही, गीतानगर, शारदानगर, जाजमऊ, गोविंद नगर, विजय नगर, काकादेव, जरौली, कर्रही, अफीमकोठी, श्यामनगर, रोशन नगर, कल्याणपुर, दादनगर, पनकी औद्योगिक क्षेत्र, विश्वबैंक कालोनी, बर्रा, सूटरगंज, ग्वालटोली, खलासी लाइन, दर्शनपुरवा, गड़रियनपुरवा, निरालानगर, साकेत नगर आदि कई क्षेत्रों में लाइटें खराब हैं।