कानपुर। कई चुनावों में भी सीसामऊ सीट पर जीतने में नाकाम रही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट सा गया है। उनके मनोबल को बढाने और सीसामऊ सीट पर जीत के लिए सूबे के मुख्यमन्त्री् योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को जीत का मन्त्र प्रदान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि रामपुर की लगभग 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली सीट भाजपा के खाते में आ सकती है तो सीसामऊ क्यों नही। योगी आदित्यनाथ गुरुवार को कानपुर में थे। यहां उन्होंने सुबह 725 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इसके बाद सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर पार्टी पदाधिकारियों से बात की। इसी बातचीत के बीच भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विजय गौड़ ने योगी से सीधे पूछ लिया कि आखिर हम लोग अयोध्या क्यों हार गए। जवाब में योगी ने हार का कारण बाद में बताने को कहा। साथ ही कहा रामपुर की तरह सीसामऊ सीट भी जीतेंगे। इसी बीच अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजय गौड़ से चुप रहने की बात कहते हुए उन्हें बैठा दिया। योगी आदित्यनाथ कानपुर में जनसभा के बाद मर्चेंट चैंबर हॉल पहुंचे। सीसामऊ उपचुनाव से पहले वहां के विधानसभा के मंडल अध्यक्ष, बूथ प्रभारी, सभी मोर्चों के अध्यक्षों और पार्षदों की मौजूदगी में सीधी बातचीत शुरू की। इस दौरान योगी ने कोई भाषण नहीं दिया। मंच से माइक संभालते हुए वह करीब 30 मिनट तक सीधे बातचीत करते रहे। योगी ने सबसे पहले सीसामऊ विधानसभा के तीनों मंडल अध्यक्षों अभिमन्यु सक्सेना (कौशलपुरी), गौरव पांडेय (रायपुरवा), करन यादव (चुन्नीगंज) से बातचीत शुरू की। उन्होंने मंडल अध्यक्षों से पूछा- सभी बूथों पर पद भरे हुए हैं या नहीं? योगी ने रामपुर विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा- उस सीट पर 60 फीसदी मुस्लिम और 40 फीसदी हिंदू रहते हैं। सीसामऊ सीट में 60 फीसदी हिंदू और 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इसके बावजूद हम यह सीट कई बार से हार रहे हैं। रामपुर में सरकार की योजनाओं से मुस्लिमों को जोड़ा और उन्होंने भाजपा को जिताया। योगी ने कहा कि बिना भेदभाव सरकार की योजनाओं का फायदा सभी को दिलाया जाए। मर्चेंट चैंबर हॉल में कार्यकर्ताओं ने योगी का स्वागत किया। सीएम योगी की दी नसीहतों को ध्यान से सुना। मर्चेंट चैंबर हॉल में कार्यकर्ताओं ने योगी का स्वागत किया। सीएम योगी की दी नसीहतों को ध्यान से सुना।पेट निकला है, लगता नहीं कि मेहनत करते हो योगी ने बैठक में कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि हर एक वोटर के घर तक जाएं। वहीं योगी ने एससी-एसटी मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सोनकर से पूछा कि आपके मोर्चे में सभी पद भरे हुए हैं कि नहीं? इस पर राकेश ने कहा- हम क्षेत्र में खूब मेहनत कर रहे हैं। राकेश का पेट अधिक निकला होने पर योगी ने मजाक करते हुए कहा, देखकर नहीं लगता कि आप क्षेत्र में बहुत मेहनत करते हैं। इसके अलावा योगी ने युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी, एसटी मोर्चा समेत सभी पदाधिकारियों से सवाल-जवाब किए।सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव को लेकर सीएम योगी ने खुद कमान संभाली है। साल 2002 के बाद से भाजपा यह सीट नहीं जीत सकी है। मोदी लहर में भी भाजपा इस सीट पर हार गई थी। हालांकि भाजपा ने अभी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। लेकिन, सपा इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी के नाम पर मुहर लगा चुकी है। 2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। तीनों बार इरफान सोलंकी चुनाव जीते। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही। इरफान के जेल जाने के बाद पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक है। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने पर मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। वहीं, भाजपा ने सीसामऊ जिताने की जिम्मेदारी अपने सबसे वरिष्ठ नेता और 9 बार से विधायक सुरेश खन्ना को सौंपी है। मौजूदा समय में वह सरकार में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री हैं। साल 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास है। भाजपा के पास ये सीट जीतने का बड़ा मौका है। इसे भाजपा खुद समझ रही है। इसलिए अब इस मौके को भाजपा गंवाना नहीं चाहती। सीसामऊ सीट 1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही थी। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों में ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ रहा है। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मणों और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि, मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोट-बैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।