January 18, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
 ट्रेन के आगे सिलेंडर रखकर उड़ाने की साजिश की जांच फिर से शुरू हो गई है। कानपुर पुलिस, जीआरपी और एटीएस समेत कई जांच एजेंसियों ने फिर से जांच शुरू कर दी है। इस बार जांच का केंद्र बिंदु मक्कापुरवा का गिन्ना गिहार और उसके परिवार के इर्द-गिर्द है। क्यों कि तीन बार धमाके की कोशिश और हर बार गिन्ना और उसके परिवार के खिलाफ पत्र से साफ हो गया कि यह कोई आतंकी साजिश नहीं है, सिर्फ गिन्ना को जेल भिजवाने के लिए बार-बार इस तरह की हरकत की जा रही है। गिन्ना के एक-एक विरोधी और आसपास के करीब 300 से ज्यादा लोगों से पूछताछ और 35 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। इस पर जांच एजेंसियों के पास कई ठोस इनपुट हैं।
कानपुर के शिवराजपुर में बर्राजपुर स्टेशन पर कालिंदी एक्सप्रेस के टॉयलेट में 2019 में धमाका हुआ था। 2024 सितंबर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर और पेट्रोल बम रखकर उड़ाने की साजिश और फिर 31 दिसंबर 2024 को ट्रैक पर खाली सिलेंडर मिला। हर बार धमाका और ट्रेन को उड़ाने की साजिश के साथ शिवराजपुर के मक्कापुरवा निवासी गिन्ना गिहार और उसके बेटों व परिवार के लोगाें के नाम लिखी चिट्‌ठी मिली।

इस बार भले ही जीआरपी फर्रुखाबाद ने एफआईआर दर्ज की है, लेकिन कानपुर पुलिस और एटीएस की टीमों ने भी जाँच शुरू कर दी है। एटीएस और कानपुर पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने मक्कापुरवा में डेरा डाल दिया है। वहाँ एटीएस की टीम गिन्ना के घर पहुंची और गिन्ना के साथ उसके बेटों से करीब 3 घंटे तक इंट्रोगेशन किया। टीम को पूछताछ और गांव में जांच के दौरान कई अहम इनपुट मिले हैं।
इसके साथ ही कानपुर पुलिस को भी लगातार इस केस से जुड़े कई अहम इनपुट मिले हैं। 31 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी तक करीब 300 से ज्यादा लोगों से पूछताछ और 35 लोगों को जांच टीमों ने उठाकर सख्ती से इंट्रोगेशन किया। एटीएस, कानपुर पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और जीआरपी की टीमें लगातार जांच में जुटी हुई हैं। यह पूरी जांच गिन्ना गिहार, उसके विरोधी और मक्कापुरवा गांव के इर्द-गिर्द घूम रही है। जांच अधिकारियों की मानें तो इस बार उनके पास कई सटीक इनपुट हैं। जल्द ही वह खुलासा कर सकते हैं।

गिन्ना ने बताया कि वह अर्से से पुलिस की मदद कर रहा है। मुखबिरी कर शराब पकड़वाना उसे भारी पड़ रहा है। पुलिस की मदद करने के चक्कर में मेरे कई दुश्मन बन गए हैं। मक्कापुरवा बस्ती में रहने वाला गिन्ना लकड़ी बेच और मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाता है। गिन्ना के मुताबिक जब भी शराब पकड़ो अभियान में पुलिस को जरूरत पड़ी तो उसने मिलकर इलाके में दर्जनों बार अवैध शराब पकड़वाई। कई बार पुलिस को सूचना देकर इलाके में हो रहे बड़े अपराध को रोकने में मदद की। कहा, मेरी निजी और सीधे किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। सिर्फ गांव के दो लोगों से उसका छोटा विवाद हुआ था। वह भी बुराई मानते हैं। इस बार मेरे बेटे रंजीत और साथ अमर सिंह से भी पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।