October 5, 2024

कानपुर। हमसफर एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेन में बच्ची संग यात्रा कर रहे परिवार ने रेलकर्मी को लगभग 75 किलोमीटर के सफर के दौरान खूब मारपीट की। परिजनों ने 34 साल के रेलकर्मी पर बच्ची से छेडखानी का आरोप लगाया गया। बच्ची के घरवाले उसे लखनऊ से कानपुर तक लगातार पीटते रहे। कानपुर सेंट्रल पर उसे जीआरपी  के हवाले किया। कुछ घंटे बाद उसकी हालत बिगड़ गई। जीआरपी उसे केपीएम हॉस्पिटल लेकर पहुंची। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बरौनी से नई दिल्ली जा रही हमसफर एक्सप्रेस (02563) में बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला प्रशांत कुमार (34) सीवान से दिल्ली जा रहा था। एसी थर्ड इकोनॉमिक कोच में वह सफर कर रहा था। प्रशांत रेलवे में ग्रुप-डी में नौकरी करता था। इसी कोच में एक परिवार भी अपनी 11 साल की बच्ची के साथ था।ट्रेन गुरुवार तड़के लखनऊ के करीब पहुंची। इस दौरान प्रशांत ने बच्ची को अपनी सीट पर बैठाया। आरोप है कि जब बच्ची की मां टॉयलेट गई तो उसने बच्ची से छेड़खानी की, तो वह रोने लगी। आरोपी ने उसे डराकर चुप करा दिया। मां के टॉयलेट से लौटते ही बच्ची रोते हुए उनसे लिपट गई। मां ने पूछा क्या हुआ? वह कुछ बता नहीं रही थी। मां उसे टॉयलेट की तरफ ले गई। पूछताछ की तो बच्ची ने पूरी बात बताई। इसके बाद मां ने पति और ससुर को घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिवार और कोच में बैठे यात्री आक्रोशित हो गए। प्रशांत को थप्पड़ मारते हुए गैलरी में खींच लिया। उसे लात-घूसों से पीटा। लखनऊ से कानपुर तक करीब 80 किमी. तक उसे ट्रेन में पीटते हुए लाए। इसके बाद परिजनों ने रेलवे को सूचना दी। ट्रेन  कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर-7 पर पहुंची, तो जीआरपी  प्रशांत को हिरासत में लेकर थाने ले गई। बच्ची की मां और परिजन भी थाने पहुंच गए। कुछ घंटे बाद आरोपी प्रशांत की तबीयत बिगड़ने लगी।जीआरपी  उसे अस्पताल ले गई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई।कानपुर जीआरपी प्रभारी ओमनारायण सिंह ने कहा- महिला ने 11 साल की बेटी के साथ छेड़‌छाड़ की एफआई आर  दर्ज कराई है। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। घटनास्थल लखनऊ का ऐशबाग था, इसलिए मुकदमे को ट्रांसफर कर दिया। मृतक प्रशांत के चाचा आर सिंह कानपुर पहुंचे। पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर पोस्टमॉर्टम कर‌वाया गया। जीआरपी  ने आरोपी प्रशांत को ट्रेन आने के 5 मिनट बाद ही उतार लिया। प्लेटफार्म नंबर-7 से थाने तक पैदल ले गई। लिखा-पढ़ी और पूछताछ के बाद जैसे ही प्रशांत को गिरफ्तारी की बात पता चली तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। थाने से दोपहर 12 बजे केपीएम  अस्पताल ले गई। गुरुवार दोपहर 2.05 बजे डॉक्टर सरोजनी सिंह ने मेडिकल किया। शरीर ठंडा पड़ा था तो ईसीजी  किया। डॉक्टरों ने उसे दिन में 3.10 बजे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी  की पड़ताल में पता चला कि प्रशांत जनरल टिकट पर हमसफर एक्सप्रेस के एसी  कोच में सफर कर रहा था। बच्ची के परिजनों ने बताया कि वह टीटीई  की दी हुई सीट नंबर 11 पर बैठा था। प्रशांत को अपने पिता एस कुमार की मौत के बाद मृतक आश्रित में नौकरी मिली। वह मूलरूप से समस्तीपुर बिहार का रहने वाला था और वह निजी काम से नई दिल्ली जा रहा था।