July 15, 2025

संवाददाता

कानपुर।  चिड़ियाघर बंदी होने की वजह से भारी आर्थिक नुकसान की मार झेल रहा है। बीते 50 दिनों से जू बंद है। चिड़ियाघर प्रशासन ने दर्शकों की एंट्री 13 मई 2025 को बंद कर दी थी। वन्यजीवों में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया था।
कानपुर जू के रेंजर नावेद इकराम ने बताया की चिड़िया घर में प्रतिदिन तकरीबन 70 से 80 हजार रुपए की टिकट की बिक्री होती थी। इसके साथ ही वीकेंड और रविवार को टिकट की बिक्री बढ़ जाती थी। चिड़ियाघर 50 दिनों से भी ज्यादा दिनो से बंद है । अनुमान लगाया जाए तो दर्शकों की एंट्री न होने से तकरीबन 50 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है।

नावेद इकराम ने कहा की चिड़ियाघर में छुट्टियों के दिनों में लोग बच्चों के साथ घूमने आते हैं। ऐसे में मई के महीने में चिड़ियाघर बंद हुआ इसके बाद मई का महीना और जून का महीना चिड़ियाघर बंद रहने से नुकसान ज्यादा हुआ है। 
कानपुर चिड़ियाघर में मई के महीने में गोरखपुर चिड़ियाघर से इलाज के लिए बब्बर शेर पटौदी को लाया गया था। तीसरे दिन ही बब्बर शेर पटौदी की इलाज के दौरान कानपुर चिड़ियाघर में मौत हो गई थी। इसके बाद उसके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए तो उसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई ।
वन्यजीवों की जान के खतरे को देखते हुए, चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया था। इसके बाद चिड़ियाघर में मोर की मौत हुई उसमें भी बर्ड फ्लू की पाया गया । चिड़ियाघर बंद रहने के दौरान भी आठ वन्यजीवों और पक्षियों की मौत हो गई।
प्रोटोकॉल के मुताबिक बर्ड फ्लू की आशंका के बाद वन्यजीवों की तीन नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही जू को खोलने का फैसला किया जा सकता है। इसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन के द्वारा एक हाई लेवल मीटिंग की जाएगी। पूरी रिपोर्ट तैयार करके इसे शासन को भेज दिया जाएगा। शासन के द्वारा रिपोर्ट का आकलन कर चिड़ियाघर को खोले जाने का निर्देश प्राप्त होने पर कानपुर जू को खोले जाने की तिथि तय होगी।