
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। नगर निगम के ठेकेदार अब काम के लालच में हर टेंडर हासिल नहीं कर पाएंगे। अगर किसी ठेकेदार के 5 से अधिक कार्य पेंडिंग होंगे तो उन्हें नया काम नहीं मिलेगा। पार्षदों के प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए महापौर प्रमिला पांडेय ने इस पर सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र भेजकर तत्काल इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब टेंडर डालते समय ठेकेदारों को किए जा रहे व लंबित कार्यों का प्रमाण पत्र देना होगा। इस सख्ती से जहां एक ओर विकास कार्यों में तेजी आएगी वहीं, नगर निगम की छवि भी धूमिल होने से बचेगी।
3 जून को हुई नगर निगम सदन की बैठक में पार्षद नीरज बाजपेई, सरोज चढ्ढा, मंजू कुशवाहा, मो. उमर, विकास जायसवाल ने प्रस्ताव दिया कि अभियंत्रण द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य में पाया जाता है कि ठेकेदारों द्वारा एक साथ कई कार्य ले लिए जाते हैं और उनके द्वारा लिये गये कार्यों को समय से पूरा ही नहीं किया जाता है। जिससे नगर निगम की छवि धूमिल होती है।
पार्षदों ने कहा कि कार्यों को समय से पूरा किए जाने के लिए जरूरी है कि भविष्य में होने वाले टेंडरों में ठेकेदारों से निविदा के साथ प्रमाण पत्र और कार्यों की सूची संलग्न करायी जाए कि उनके कितने कार्य बाकी हैं।
प्रस्ताव दिया गया कि ठेकेदार के पांच से अधिक कार्य लंबित होने पर उनकी टेंडर पर विचार न किए जाए व उनको आने वाली निविदाओं में भाग लेने के लिये अयोग्य माना जाए। जिससे की कार्यों को समय से पूर्ण कराया जा सकें। इसमें कार्यादेश जारी करने, प्रगति पर और निविदा स्वीकृत होने वाले सभी कार्य शामिल किये जाएं जब तक वह पूरे नहीं होते हैं।
महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर कहा कि आगे होने वाले टेंडरों में ठेकेदारों से प्रमाण पत्र व कार्यों की सूची संलग्न करायी जाए। 5 से अधिक कार्य लंबित होने पर ठेकेदारों की निविदा पर विचार नहीं किया जाए।
महापौर ने कहा कि यह प्रस्ताव सदन की बैठक में आया था, लेकिन उस पर चर्चा नहीं हो सकी। यह प्रस्ताव काफी अच्छा एवं नगर निगम के हित में है। इसलिए प्रस्ताव को स्वीकृत मानते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जायगा।