
संवाददाता।
कानपुर। नगर में सर्दी का प्रकोप जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इन दिनों कानपुर मेडिकल कॉलेज की हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में रोज 10 से 12 मरीज आ रहे हैं। कई मरीज बेहोशी की हालत में पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीज की कभी-कभी जान पर भी बन आती है। ऐसे में उन्हें भर्ती करके इलाज करना पड़ता है। डॉ. जेएस कुशवाहा के मुताबिक, जिन मरीजों में बीपी और शुगर की शिकायत है। ऐसे मरीज अपने बीपी को कंट्रोल में रखें। बिना डॉक्टर की परामर्श के बीपी की दवा ना लें। बहुत से मरीज ऐसे भी आ रहे हैं जो अपने मन से दावा कर रहे हैं, क्योंकि बीपी की दवा गर्मियों में अलग और सर्दियों में अलग चलती है। बहुत से मरीज क्या करते हैं कि वह पुराने पर्चे के हिसाब से दवा लेते रहते हैं। ऐसे में उनका बीपी बढ़ना स्वाभाविक है, जबकि सर्दियों में बीपी के लिए अलग डोज निर्धारित होती है। यह बात मरीज को नहीं पता होती है। वह पुराने पर्चे के हिसाब से अपना इलाज खुद ही घर पर कर लेता है। जो युवा अधिक स्मोकिंग और शराब का सेवन करते हैं उनमें ब्रेन हेमरेज की शिकायत आ रही है। लगभग 20% युवा ऐसे हैं जो स्मोकिंग और शराब दोनों का सेवन करते हैं। 10% युवा ऐसे हैं जिन्हें तनाव में रहने के कारण बीमारी अटैक करती है। 10% युवा ऐसे हैं, जिनका कोलेस्ट्रॉल हमेशा बड़ा रहता है। ऐसे में ब्रेन हेमरेज होना स्वभाविक हो जाता है। डॉ. जेएस कुशवाहा के मुताबिक, जो युवक शराब और स्मोकिंग का सेवन कर रहे हैं। उनके अंदर खून की नालियों का विकार हो रहा है, क्योंकि जब अधिक तंबाकू, पान, मसाला, शराब, बीड़ी, सिगरेट जैसी चीजों का सेवन करते हैं, तो इसका असर सबसे पहले नसों में पड़ता है। इसकी वजह से शरीर में खून का दौड़ान धीरे-धीरे कम होने लगता है और जब खून का दौड़ान कम होता है तो खून की नालियों में विकार होने लगता है। ऐसे में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से ना हो पाने के कारण सीधे अटैक ब्रेन पर पड़ता है।