
संवाददाता।
कानपुर। नगर में पूर्व सांसद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सुभाषिनी अली ने सांसदों को सस्पेंड किए जाने पर सवाल उठाया। पूर्व सांसद बोली कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह सरकार चाहती है कि सदन में उनसे कोई सवाल न पूछा जाए। वह अपनी मनमर्जी चलाएं अगर कोई आवाज उठाता है ,तो उसे सस्पेंड कर दिया जाए। पहले भी कभी सांसदों का सस्पेंड होता था, तो एक दो की संख्या होती थी और कुछ दिनों में उन्हें बहाल कर दिया जाता था। 146 सांसदों को जिस तरह से सस्पेंड किया गया है। उस पर लगातार विपक्ष सवाल उठा रहा है। बड़ी तादाद में सांसदों के सस्पेंशन को लेकर के कांग्रेस ने देश भर में अलग-अलग जगह विरोध प्रदर्शन भी किया। इसी पर कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और पूर्व सांसद सुभाषनी अली ने सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार चाहती है कि उनसे सदन में कोई भी सवाल न पूछे। सदन में जिस बात को लेकर सवाल पूछा गया संसद की सुरक्षा को लेकर उस पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं, इसका उलट सांसदों को सस्पेंड किया जाना यह बात समझ नहीं आती है। सरकार को बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी बात करने मे भी सदन में दिक्कत होती है। संसद की सुरक्षा पर सवाल पूछा जाना कोई गलत बात नहीं है।