
संवाददाता।
कानपुर। नगर में मकर संक्रांति और पोंगल के त्योहार के अवसर पर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के शर्करा प्रौद्योगिकी प्रभाग की ओर से विशिष्ट श्रेणी की शर्करा, गुड़ व अन्य स्वीटनर्स का प्रदर्शन किया गया। इसमें लोगों को गुड़ व स्वीटनर्स की चीजें लोगों को खूब पसंद आई। काउंटर पर जाकर लोगों ने खरीददारी भी की। संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि त्योहारों और शादियों के मौसम में जब बहुत सारे मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं ऐसे समय में हमने विभिन्न स्वीटनर्स का प्रदर्शन करना उचित समझा। यह अलग-अलग स्वाद, कैलोरी की मात्रा और न्यूट्रिशनल प्रोफाइल के साथ पारंपरिक मिठास से अलग हैं। यह हेल्थी और टेस्टी भी होते है। उन्होंने कहा कि इन स्वीटनर्स को नई प्रक्रियाओं के माध्यम से विकसित किया गया है, जिनमें बहुत ही कम मात्रा में रसायनों का उपयोग किया जाता है। इनकी शेल्फ लाइफ काफी अच्छी होती है। सीनियर रिसर्च फेलो अनुष्का अग्रवाल कनोडिया ने बताया कि हमने शर्करा को क्रिस्टलीय और तरल दोनों रूपों में कम कैलोरी, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली शर्करा, फोर्टिफाइड शर्करा और गुड़, सूखे मेवों के साथ मिश्रित गुड़, प्राकृतिक गन्ना स्प्रेड, अदरक, दालचीनी, चॉकलेट और अन्य प्राकृतिक सामग्री के साथ मिश्रित गन्ना स्प्रेड रूप में प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने इन स्वीटनर्स का उपयोग करके विभिन्न बेकरी और कन्फेक्शनरी उत्पाद जैसे ब्राउनी, केक, पौष्टिक बिस्कुट, गुड़ से बनी चॉकलेट और अन्य पारंपरिक मीठे व्यंजन भी प्रदर्शित किए हैं। शर्करा प्रौद्योगिकी की रिसर्च फेलो श्रुति शुक्ला ने कहा कि हमारा प्रयास कम लागत पर क्षेत्र विशेष के लिए स्वीटनर्स विकसित करना है। चीनी की बेहतर न्यूट्रिशनल प्रोफाइल, उपभोक्ताओं में भी इसकी स्वीकार्यता में सुधार करने में सहायक होगी। यह एक मिथक है कि केवल चीनी ही, मधुमेह और मोटापे जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार है।