
संवाददाता।
कानपुर। नगर के एक स्कूल में मिड डे मिल का खाना खाने के बाद 15 बच्चों की हालत खराब होने के मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। बीमार बच्चे उल्टी और पेट दर्द की समस्या लेकर घर पहुंचे थे। ज्यादातर बच्चे सरसौल सीएससी में भर्ती कराए गए थे। जहां से सभी बच्चों को काशीराम ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था। काशीराम अस्पताल से शाम को 8 बच्चों को हैलट अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। मंगलवार को सभी बच्चों की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। सुरजीत कुमार ने बताया कि तीन सदस्यीय कमेटी में खंड शिक्षा मुख्यालय सरसौल के सुनील द्विवेदी, खंड शिक्षा अधिकारी सरसौल कृष्ण कुमार व मिड डे मिल के डिस्ट्रीक कोर्डिनेटर सौरभ कुमार शामिल हैं। यह कमेटी एक हफ्ते में पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फूड विभाग के अधिकारी विजय प्रताप ने खाने के तीन सैंपल स्कूल से लिए है। अधिकारियों की माने तो इसकी लैब से जांच कराई जाएगी। मेनू के अनुसार सोमवार को आलू की सब्जी, रोटी और फल बच्चों को वितरित करना होता है, लेकिन घटना वाले दिन सब्जी और चावल, रोटी बनाई गई थी। इस विषय पर बीएसए ने कहा कि प्रथम दृष्टया पूछताछ में पाया गया है कि दो रसोइया न आने के कारण उस दिन रोटी कम बनी थी। बच्चे भूखे न रहे इसके लिए चावल बना लिए गए थे। मगर इसकी सूचना किसी अधिकारी को दी गई या नहीं यह जांच का विषय है। मामला सरसौल क्षेत्र के शंकरानंद जूनियर हाई स्कूल का था। स्कूल के प्रिंसिपल ओपी वर्मा के मुताबिक सोमवार सुबह स्कूल में चावल और सब्जी बनी थी। उसको खाने के बाद कुछ बच्चे तो ठीक रहे लेकिन थोड़ी देर बाद मोहम्मद हुसैन (12 वर्ष), मोहम्मद शारिक (8 वर्ष), अफजल (14 वर्ष) गुलप्सा (5 वर्ष), सना (4 वर्ष), आमिर खान (7 वर्ष), शमी मोहम्मद (8 वर्ष), फरजाना (10 वर्ष), अफजल (11 वर्ष), सलमान (8 वर्ष) अनसार (8 वर्ष), नकीबुल औलिया (9 वर्ष), मोहम्मद हसनैन (14 वर्ष) की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया था। परिजनों ने एंबुलेंस से सरसौल के सीएचसी में भर्ती कराया। यहां पर उनका इलाज शुरू किया गया। यहां प्राथमिक उपचार मिलने के बाद सभी को कांशीराम ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। जहां पर उनका इलाज चला।