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संवाददाता।
कानपुर। नगर में फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन व हाइड्रोसील के रोगियों को ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अब आयुष्मान मेला सहायक होगा। मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों सहित सीएमओ को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि प्रत्येक शनिवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित हो रहे मेले में अब फाइलेरिया रोगियों को भी लाभान्वित किया जाए। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत लिम्फोडिमा एवं हाइड्रोसील के रोगियों के लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत उपचार व मरीजों को मार्बिडीटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट के वितरण की उपलब्धि प्राप्त करना है। सरसौल ब्लॉक के ग्राम दीपापुर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आलोक रंजन के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने भी सहयोग किया। कार्यक्रम में लिम्फेटिक फाइलेरियासिस (फाइलेरिया) से ग्रसित मरीजों की ग्रेडिंग करते हुए प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए 35 एमएमडीपी किट प्रदान की। सीएमओ ने बताया, फाइलेरिया ग्रसित अंगों में पैर की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और नियमित व्यायाम व योगा करने से सूजन में भी कमी रहती है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके सिंह ने एमएमडीपी किट के प्रयोग और फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी। इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी भूपेंद्र सिंह, सरसौल सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रणवकर, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. अंजना कुशवाहा सहित क्षेत्रीय आशा देवी पाल, नीलम दिवाकर सहित प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका अंजली वर्मा, फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य व सीफार संस्था के प्रतिनधि उपस्थित रहे।