संवाददाता।
कानपुर। नगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बच्चों से रूबरू हुए। इस दौरान उनके भाषण को कानपुर के सभी स्कूलों और कॉलेज में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के दबाव से मुक्त रहने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। बच्चों ने मोदी का भाषण सुनने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनकर हम लोग काफी उत्साहित हुए हैं। हमें भी जो निर्णय लेना है। उस पर ठोस कदम उठाना होगा, किसी भी प्रकार का कंफ्यूजन नहीं रखना होगा। छात्र क्षितिज कटियार ने कहा कि “मोदी जी ने अपने भाषण में कहा था कि हमें अपने दोस्तों से नहीं बल्कि हमें खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे। अगर हमारी मानसिकता है कि हम अपने दोस्त के नंबर देखकर उससे प्रतिस्पर्धा करें तो यह अच्छी बात नहीं है, क्योंकि 100 नंबर का पेपर उसके लिए भी है और 100 नंबर का पेपर मेरे लिए भी है। उसके नंबर कम या ज्यादा आने से हमारे परिणाम में कोई फर्क नहीं पड़ना है।” 11वीं क्लास के छात्र जयनाम मिश्रा ने कहा कि “मोदी जी ने बताया है कि हम टेक्नोलॉजी का प्रयोग अगर सकारात्मक रूप से करें तो उसका फायदा जरूर मिलेगा, क्योंकि हर चीज के लिए एक मानक निर्धारित है। यदि उस आधार पर हम उस चीज का प्रयोग करेंगे तो जाहिर सी बात है हमको उसका अच्छा फल मिलेगा, लेकिन जब किसी चीज का प्रयोग हम नकारात्मक रूप से या गलत तरीके से करेंगे तो उसका परिणाम भी हमको गलत मिलेगा। इसलिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग हमेशा सकारात्मक रूप में करें तो इससे हमारा ज्ञान भी बढ़ेगा और विकास भी होगा। हाई स्कूल की छात्रा श्रेया द्विवेदी ने बताया कि ‘‘परीक्षा के समय बच्चों के अंदर थोड़ा बहुत तनाव आ जाता है। इससे निपटने को लेकर हमारे प्रधानमंत्री ने कई तरह के टिप्स दिए हैं। सबसे अच्छी टिप्स लगी कि जब हम एग्जाम हॉल में बैठते हैं और पेपर को देखते हैं तो उस समय तनाव आता है। उससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि एग्जाम हॉल में आप हमेशा जल्दी जाने की कोशिश करें, फिर वहां पर एक गहरी सांस ले और खुद में खोने का प्रयास करें, जब आपके हाथ में पेपर आएगा तो उस समय आप तनाव को महसूस नहीं करेंगे। हमेशा अपने क्वेश्चन को पूरा पढ़ ले फिर उसे हल करने का समय तय करे, तो आपका पेपर जल्दी और अच्छा होगा।”