December 3, 2024

संवाददाता।
कानपुर।
नगर में मुख्य प्रशिक्षक एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे एएनएम प्रशिक्षण के दौरान कहा कि नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार को प्रेरित कर बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। घनी व मलिन बस्तियों, दूर दराज के क्षेत्रों, घुमंतू परिवारों के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करें क्योंकि आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में से एक है नियमित टीकाकरण। यह बात डीआईओ ने कहा कि गांवों की तुलना में नगरीय इलाके में व्यवस्थित व बेहतर रणनीति बनाने की बेहद आवश्यकता है। नगर की सभी पीएचसी, वार्ड व मोहल्ला के अनुसार एएनएम का क्षेत्र तय किया जाएगा। घर-घर जाकर हेड काउंट सर्वेक्षण हो। इसके बाद बच्चों व गर्भवती की ड्यू लिस्ट तैयार की जाए। टीकाकरण से छूटे बच्चे व गर्भवती को ट्रैक किया जाए। बुधवार व शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण सत्र व छाया नगरीय स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्रों तक बच्चों व गर्भवती को लाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की ओर से घर-घर भ्रमण कर एवं पारस्परिक संपर्क कर सूचना दी जाएगी। आशा कार्यकर्ताओं की ओर से घर-घर बुलावा पर्ची वितरित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए। इस दौरान यूनिसेफ के डीएमसी फुजैल अहमद सिद्दीकी व यूएनडीपी के वीसीसीएम धनंजय सिंह ने टीकाकरण की समय सारणी, सत्रों का प्रबंधन तथा टीकाकरण में सुरक्षित सूई की तकनीक, कार्ययोजना बनाना, रिपोर्टिंग व फाइल रखने की विधि को बताया गया। उन्होंने संचार गतिविधियों से अवगत कराया। टीकाकरण को बढ़ाने और समुदाय को जागरूक करने पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में बाहरी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसलिए जन्म पर बर्थ डोज के साथ ही डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, नौ माह पर, 16 से 24 माह मे और 5 वर्ष पूर्ण होने पर सभी टीके समय से लगवाएं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 10 व 16 वर्ष की आयु पर (टिटनेस-डिप्थीरिया) टीडी का टीका जरूर लगवाएं। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाये जाते हैं, जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, हेपेटाइटिस-बी, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-बी, निमोनिया, डायरिया रोटा वायरस और खसरा-रूबेला (एमआर) शामिल हैं। गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाता है। 

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