संवाददाता।
कानपुर। नगर में कन्नौज के गुरसहायगंज निवासी सलीम का 6 वर्षीय बेटा सुहेल का हाथ फैक्चर होने के कारण उसे चार दिन पूर्व हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सलीम के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन के लिए 15 हजार की व्यवस्था कर लो, फिर ऑपरेशन किया जाएगा। पैसे न होने पर मजूदर प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के बाहर फूट-फूटकर रोने लगा। सलीम ने बताया कि वह गांव में मजदूरी कर घर का गुजारा करता हैं। चार फरवरी को छह वर्षीय बेटा सुहेल कुर्सी में खेलते समय नीचे गिर गया था। इससे उसके बाएं हाथ में चोट लग गई थी। पास के अस्पताल में ले गए तो वहां से डॉक्टरों ने हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया। हैलट अस्पताल में एक्सरे कराने पर पता चला कि बेटे के हाथ में फ्रैक्चर है। उसके बाद इमरजेंसी से बेटे को वार्ड नंबर आठ में शिफ्ट कर दिया गया। सलीम के मुताबिक डॉ. संजय कुमार की देखरेख में बेटे को भर्ती किया गया है। सलीम का आरोप है कि वार्ड में आए दो जूनियर डॉक्टर ने बेटे का हाथ देखा और उसके बाद दोबारा एक्सरे कराने को बोला और ऑपरेशन के लिए 15 हजार रुपये की मांग भी की। सलीम ने बताया कि जब वह एक्सरे कराने गए तो वहां पर तैनात कर्मचारी ने तीन सौ रुपये ले लिए। उसकी कोई रशीद भी नही दी। बाद में सलीम प्रमुख अधीक्षक कार्यालय गए। प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह ने कहा कि इस मामले के संबंध में अभी कोई भी शिकायत करने नहीं आया है। यदि किसी जूनियर डॉक्टर ने पैसे मांगे है तो इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी बहुत सी एसी चीज भी होती है जो डॉक्टरों को भी बाहर से मंगानी पड़ती है। इसलिए हो सकता है कोई प्लेट पड़नी हो तो इसलिए तिमारदार से कहा गया होगा। यदि कोई डॉक्टर ऑपरेशन करने के नाम पर पैसे मांगता है उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।