December 3, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर के गणेश शंकर विद्यार्थी सुपर स्पेशिएलिटी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (जीएसवीएसएस पीजीआई) का उद्घाटन कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय ने कानपुर वासियों को बड़ी सौगात दी है। यहां की सुविधाएं किसी बड़े प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं होगी। बुधवार को प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना के निदेशक नरेंद्र ओझा ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया। नरेंद्र ओझा ने कहा कि कानपुर में इस अस्पताल के बनने से लोगों को दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों की तरफ रुख नहीं करना पड़ेगा, क्यों कि पीजीआई जैसी सभी सुविधाएं यहां पर मौजूद हैं। यहां पर कानपुर के साथ-साथ करीब 18 जिलों के मरीज लाभांवित होंगे। यहां मरीजों को सुपर स्पेशिएलिटी इलाज मिलेगा। मरीज हित में शोध व अध्ययन भी किए जाएंगे। अभी इसका संचालन ट्रायल पर किया जा रहा था। यहां पर दिमाग की बीमारियों, खून के माध्यम से शरीर की समस्या, रीढ़ के हड्डी के पानी (सीएसएफ) और ब्रेन के पानी पर शोध कर बीमारियों का पता लगाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) के जीटी रोड की तरफ दो सौ करोड़ से जीएसवीएम पीजीआई का निर्माण कराया गया है। यहां पर 30 बेड के आईसीयू और 240 जनरल बेड की सुविधा है। इसके साथ ही यहां पर न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो मेडिसिन (पेट रोग) विभाग, नेफ्रोलाजी (गुर्दा रोग) विभाग, पेन मेडिसिन विभाग, फिजिलक मेडिसिन एवं रिहैबिलिटेशन विभाग, आर्थोपेडिक की आर्थोप्लास्टी विभाग समेत आठ विभाग है। इन विभागों में जटिल बीमारियों का इलाज संभव है। अस्पताल में 20,000 लीटर का ऑक्सीजन टैंक, विद्युत अपूर्ति के लिए 750 केवीए के तीन डीजी सेट के पावर बैकअप के साथ सिंक्रनाइजेशन के 1000 केवीए के तीन ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है। पीजीआई में सभी अत्याधुनिक जांच की सुविधा है। यहां के डायग्नोस्टिक सेंटर में अत्याधुनिक तकनीक 03 टेस्ला की एमआरआई मशीन, 128 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन, डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड समेत अन्य मशीनें मौजूद है, जिससे जांच जल्द और काफी अच्छी होती है। इन मशीनों के माध्यम से कैंसर समेत अन्य बीमारियों की जानकारी शुरूआती स्टेज में पता की जा सकती है। इसके अलावा यहां पर रीढ़ की हड्डी, सिर से संबंधित बीमारी और तंत्रिका तंत्र से लेकर आंत, पेट व हड्डियों से जुड़ी पैथालॉजी व डायग्नोस्टिक जांचों की सुविधा उपलब्ध है। खून से जुड़ी सभी जांचें यहां पर की जा सकती है। आपरेशन थियेटर ब्लाक में आठ माड्यूल आपरेशन थियेटर बनाए गए हैं। इन हाईटेक ऑपरेशन थियेटर में सभी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। जहां सर्जरी के दौरान मरीज को किसी प्रकार की दिक्कत होने पर उसे इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रदान किया जा सकेगा। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इस ओटी में सर्जरी सुविधाजनक और सुरक्षित होगी। 

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