संवाददाता।
कानपुर। नगर के चकेरी थाने में एक वारंटी के साथ बर्बरता करते हुए पुलिस का वीडियो सामने आया है। पुलिस जिस व्यक्ति के साथ गिराकर बेरहमी से मारपीट कर रही है, वो कोई पेशेवर अपराधी नहीं है। बल्कि चेक बाउंसिंग के मामले में कोर्ट से उसके खिलाफ वारंट जारी किया है। इसके बाद भी थाने में उसे गिराकर जमकर पीटा गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले में जांच का आदेश दिया है। सनिगंवा चंदन नगर में रहने वाले उमेश कुमार आर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मचारी हैं। परिजनों ने बताया कि मंगलवार की देर शाम को पुलिस उनके घर पर आई। पूछने पर पुलिस कर्मियों ने बताया कि उमेश कुमार के खिलाफ एनआई एक्ट के मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। इसके बाद उमेश को घर से खींचकर पीटते हुए दबोच लिया। गाली-गलौज करते हुए चकेरी थाने उठा ले गए। इतना ही नहीं थाने में भी पुलिस कर्मियों ने उन्हें गिराकर पीटा। वायरल वीडियो के अनुसार तीन पुलिसकर्मी उमेश कुमार को जमीन पर गिराकर लाठी और लात घूंसों से पीट रहे हैं। एसीपी चकेरी दिलीप सिंह का कहना है कि वांरटी को पकड़ने के लिए पुलिस जब उसके घर गई तो वह हाथापाई करने लगा। इस पर पुलिस उसे बल प्रयोग कर थाने लाई। वायरल वीडियो की जांच की जाएगी। वहीं मामले में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने भी जांच का आदेश दिया है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मचारी के परिवारीजनों ने बताया कि मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था, लेकिन पुलिस दूसरी पार्टी से मिलकर उनके साथ मारपीट करके दबाव बना रही थी।जिससे उमेश दूसरी पार्टी से जो भी लेनदेन का विवाद है उसमे समझौता कर लें। जबकि पुलिस काे किसी के साथ इस तरह से मारपीट करने का अधिकार नहीं है। परिवारी जनों ने यह भी दावा किया है कि उमेश सरकारी कर्मचारी हैं। उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा नहीं है।