December 3, 2024

संवाददाता।

कानपुर। नगर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर कानपुर के विभिन्न विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह सबसे पहले झंडे को सलामी दी गई। इसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया गया। स्कूलों व डिग्री कॉलेज में देशभक्ति गीत व नाटक का मंचन भी किया गया। इस दौरान सभी लोग देशभक्ति के रंग में रंगे हुए दिखे। हाथों में तिरंगा झंडा लिए और देशभक्ति के नारे लगाते हुए लोग उत्साह में दिखाई दे रहे थे। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में सुबह 9 बजे कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने झंडारोहण किया। इसके पश्चात परिसर में एनसीसी, एनएसएस इकाई द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में मार्च निकाला गया। यह मार्च प्रशासनिक भवन से रानी लक्ष्मीबाई सभागार तक हुआ। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा देशभक्ति से संबंधित झांकियां निकाली गई। अलग-अलग विभाग ने अपनी उपलब्धियां को गिनाने के लिए स्टॉल लगाए और अपनी उपलब्धियों की प्रदर्शनी भी दिखाई। श्रेष्ठ प्रथम स्थान पर आने वाली तीन झांकियां को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। कानपुर मेडिकल कॉलेज, कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में सुबह झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कानपुर मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ. संजय काला झंडा फहराया और मेडिकल छात्र-छात्राओं को गणतंत्र के इतिहास के बारे में बताया। शोध कार्य में उपलब्धियां के लिए जूनियर डॉक्टरों एवं डॉ. यशवंत राव एवं डॉ. परवेज खान को पुरस्कृत किया गया। वहीं, कॉर्डियोलॉजी में निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने झंडा रोहण कर सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड का भी आयोजन किया गया। यहां पर सबसे पहले सुबह संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने झंडारोहण किया। इसके बाद महापुरुषों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। फिर परेड का आयोजन हुआ, जोकि आकर्षण का केंद्र रही। अंत में मिष्ठान वितरण किया गया। 75वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर केशव मधुवन सेवा समिति केशव नगर द्वारा केशव मधुवन वाटिका में झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष जयराम दुबे, वायु सेना के सेवानिवृत्त आरके त्रिपाठी, थल सेना में शहीद हुए एनसी बाजपेई की पत्नी जयंती बाजपेई ने झंडा फहराया। समिति के महासचिव राजेन्द्र अवस्थी ने कहा हमारा समृद्ध गणतंत्र हमें बहुत संघर्ष व कुर्बानियों के बाद मिला है। इसको सुरक्षित रखने के लिए हमे एक साथ मिलकर प्रयास करना है।

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