July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में डॉक्टरों का मानना है कि जब से कोरोना वायरस ने लोगों पर अटैक किया है। उसके बाद से लगातार दिल के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। यही नहीं लोगों के दिल और दिमाग की नसों में भी सूजन आ गई है। यह भी दिल का दौरा पड़ने का एक बड़ा बड़ा कारण है। कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि जरूरी नहीं है कि जिन लोगों के कोरोना हुआ हो उन्हीं को दिल का दौरा पड़ रहा हो। दिल की बीमारी अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। खास तौर से कोरोना काल के बाद से लोगों के दिल और दिमाग की नसों में सूजन देखने को मिली है, जो कि पहले नहीं थी, जब कोरोना वायरस फैला था तो उसने हर व्यक्ति पर  अटैक किया। भले ही किसी को ज्यादा किसी को कम किया हो, क्योंकि जब वायरस हवा में होता है तो वह नाक व मुंह के रास्ते से आपके अंदर पहुंचता है। ऐसे में कोरोना वायरस भी हर किसी व्यक्ति के अंदर थोड़ा बहुत पहुंचा है। डॉ. राकेश वर्मा ने बताया, सर्दी जब-जब बढ़ती है तो मरीजों की संख्या भी बढ़ती है। इन दिनों करीब 40% मरीजों की संख्या बढ़ गई है, क्योंकि सर्दियों में आपका खून गाढ़ा होने लगता है। जब खून गाढ़ा होता है तो दिल को अधिक प्रेशर लगाना पड़ता है। ऐसे में बीपी, शुगर वाले मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है, क्योंकि जब दिल तेज काम करेगा तो बीपी और शुगर बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे में अटैक पड़ने की संभावना अधिक रहती है। डॉक्टर के मुताबिक हमारे शरीर में दिल और दिमाग सबसे ज्यादा काम करता है। इस कारण इनकी नसें बहुत पतली होती हैं। सर्दियों में यह नसे सिकुड़ती हैं, जब नसे सिकुड़ती है तो इनका ब्लड सर्कुलेशन धीरे-धीरे कम होने लगता है। इन दिनों रोजाना ओपीडी में लगभग 200 से 250 मरीज पहुंच रहे हैं। डॉ. राकेश वर्मा ने बताया, इन दिनों रोजाना 60 से 80 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इनमें लगभग 40% से 50% युवाओं की संख्या है। ओपीडी में भी रोजाना 50 से 60 के करीब युवा आते हैं। इनको दिल से संबंधित परेशानी होती है।डॉ. राकेश वर्मा के मुताबिक उन युवाओं में दिल की समस्या अधिक देखने को मिल रही है जो की नशा करते हैं या फिर तनाव में रहते हैं, क्योंकि नशा करने वाले युवकों की शारीरिक क्षमता बहुत ही ज्यादा अब कम हो गई है। इसके अलावा जो अधिक तनाव में रहते हैं। उनके अंदर भी दिल की बीमारी देखने को मिल रही है। कोई व्यक्ति जब तनाव में होता है तो सबसे पहले वह नशे की तरफ जाता है और जब नशा करता है तो उसकी दिनचर्या बिगड़ जाती है।  यह असर आपके दिल और दिमाग में पड़ता है, जिसके कारण कभी-कभी हार्ड फेल भी हो जाता है। डॉ. राकेश वर्मा ने कहा अस्पताल में रोज बाईपास सर्जरी करता हूं और सभी मरीजों में नसों की सूजन एक आम बात हो गई है। जब से कोरोना वायरस आया है उसके बाद से ही यह स्थिति बनी है। हालांकि अभी इसमें ज्यादा कुछ कह पाना सही नहीं है, क्योंकि इस ओर काफी रिसर्च चल रही है। मगर मेरा मानना है कि अब जो भी सर्जरी करता हूं, उनमें इस तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है, जो पहले नहीं थी। खास बात यह है कि यह दिक्कत हर उम्र के लोगों में दिखाई दे रही है।’ डॉ. राकेश वर्मा ने बताया, दिल की बीमारी में अब 20-22 साल के युवक भी शामिल है। पिछले कुछ दिनों पूर्व 35 वर्षीय एक युवक के भी ऑपरेशन के दौरान सूजन देखने को मिली थी। यह अब हर किसी उम्र में हो सकता है। इसके लिए अब उम्र की सीमा नहीं रही है। 

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