पार्षदों ने 200 परिवारों की समस्याओं पर करी आंखे बंद।
संवाददाता।
कानपुर। नगर में एक नया मामला प्रकाश में आया है। नगर के दो वार्ड नं 107 और 59 के कुछ हिस्से में सालों से नालियां चोक है। ऐसी खबर मिलने पर आज़ाद समाचार ने घटना की पड़ताल करते हुए वहां के स्थानीय लोगों से जानकारी एकत्रित की। वहां के स्थानीय लोगो ने बताया कि चमनगंज के अजमेरी होटल वाले चौराहे में कई मांसाहारी भोजन की दुकानें है, ये दुकानदार जो भी मांसाहारी भोजन बना कर बेचते हैं उसकी जो भी अवशिष्ट पदार्थ ( चर्बी ),जानवरों की हड्डियां निकलती है उसे ये सभी दुकानदार इन नालियों में बहा देते है। जिससे ये आगे जाकर नालियो में फस जाता है और नालियां जाम हो जाती है। इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार पार्षद को अवगत भी कराया है लेकिन पार्षद इस बात पर गौर नही कर रहे है। इस स्थान पर दो वार्ड लगते है यहां से दोनों वार्डो के प्रत्याशियों को वोट दिए जाते है। जिसमे वार्ड 59 से भाजपा के गोविंद मोहन शुक्ला पार्षद है और वार्ड 107 से कांग्रेस के शिब्बू अंसारी पार्षद है। आज़ाद समाचार से बातचीत में वार्ड 59 के पार्षद ने बताया कि लोगो ने उनसे इस समस्या की गुहार लगाई थी, जिसमें उन्होंने कागजी कार्यवाही करते हुए आगे नगर निगम में नगर आयुक्त को बढ़ा दिया था। लेकिन उसपर अभी कोई कारवाही नही हुई है। और कहा कि भविष्य में यदि फिर से कोई इस समस्या के विषय मे मुझे प्रार्थना पत्र देता है तो उसे पुनः कार्यवाही करते हुए आगे बढ़ा देंगे। इस प्रकार का जवाब देते हुए उन्होंने अपनी बात खत्म करी। वही वार्ड 59 के पार्षद अंसारी से इस समस्या पर बात करने पर उन्होंने सीधे पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वो क्षेत्र मेरे वार्ड में आता ही नही जबकि समस्याग्रस्त क्षेत्र की मुख्य सड़क अभी उन्होंने बनवाई है। लोगो का कहना है कि वार्ड नं 107 और वार्ड नं 59 दोनों के परिसीमन में कुछ गड़बड़ी है इसलिए दोनों पार्षदों के बीच मतभेद रहता है इसलिए दोनों में से कोई भी उनकी समस्याओं पर ध्यान नही देता है। जबकि चुनाव में दोनों को वोट दिया गया है उन दोनों के आपसी मतभेद में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिस तरह से नालियां चोक है उसको देखकर लगता है इससे कई संक्रामक बीमारी रौद्र रूप धारण कर सकती है और लोगो के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इसमें डेंगू, मलेरिया आदि जैसे कई संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा है। लोगो ने बताया कि जब चुनाव का समय आता है दोनों वार्डो के पार्षद वोट लेने के लिए इस स्थान पर आते है लेकिन चुनाव खत्म होते ही गायब हो जाते है और फिर अगले 5 वर्षो तक नही दिखते है। 88/ 502 से लेकर 88/ 333 बिल्डिंगों में लगभग 200 फ्लैट है। जिसमे रहने वाले लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। इन्ही इमारतों में से एक इमारत नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग से एक अस्पताल भी खुला हुआ है। जिसमे ओपीडी चलती है और दवा भी दी जाती है। स्थानीय लोगो का कहना है कि इन नालियों के चोक होने के कारण यहां से निकलने वाले लोग हम लोगो को बहुत गिरी हुई दृष्टि से देखते है। वो लोग कहते है कैसे लोग रहते है यहां। उपरोक्त जानकारी से पता चलता है कि किस प्रकार यहां के लोग परेशान है और दो पार्षदों के आपसी मतभेद में पिस रहे है। और यहां तक कई गंभीर बीमारियों का शिकार भी हो रहे है। न तो यहां पर नगर निगम कोई सफाई करा रहा है और न ही यहां के पार्षद भी कोई ठोस कदम उठा रहे है। न तो इन मटन चिकन बिरयानी बेचने वाले दुकानदारों पर कोई कार्यवाही करी जा रही है। और न ही ये दुकानदार अपनी दुकान से निकले हुए अवशिष्ट पदार्थ का कोई प्रबन्ध कर रहे है।
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