
संवाददाता
कानपुर। बिल्हौर उत्तरीपूरा न्याय पंचायत क्षेत्र में तेज हवा और भारी बारिश के कारण धान की फसलें खेतों में गिर गई हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 50 प्रतिशत तक फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बदननिवादा, खजुरिया, नेवादा, सैब्सू और पडराह गांवों के किसान दयाशंकर, उमाशंकर, रामदयाल, प्रभु, शिव शंकर, सतीश, रामू और रज्जन सहित कई अन्य किसानों ने बताया कि धान की फसल अभी पूरी तरह पकी नहीं थी। तेज हवा और लगातार बारिश के कारण फसलें खेतों में गिरकर पानी में डूब गई हैं। किसानों का कहना है कि इस बार फसल अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने उन्हें बर्बाद कर दिया।
क्षेत्रीय लेखपाल विकास वर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तहसील प्रबंधन द्वारा इस तरह के नुकसान के लिए सीधे तौर पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुआवजा केवल दैवीय आपदा जैसे ओलावृष्टि आदि की स्थिति में ही आकलन के बाद दिया जाता है। हालांकि, लेखपाल ने किसानों की समस्याओं को तहसील के उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।






