December 27, 2025

संवाददाता 

कानपुर। ईसाई समुदाय का सबसे पवित्र और उल्लासपूर्ण पर्व क्रिसमस कानपुर शहर में पूरी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। बुधवार की अर्द्धरात्रि जैसे ही प्रभु यीशु मसीह के जन्म का पावन क्षण आया, शहर के सभी चर्चों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन हुआ। आधी रात चर्चों की घंटियां बज उठीं और “ग्लोरिया इन एक्सेलसिस डियो” तथा “हालेलूयाह” के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया। 

इससे पहले बुधवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शहर के प्रमुख परेड स्थित मेथोडिस्ट चर्च, बड़ा चौराहा स्थित क्राइस्ट चर्च, कैंट स्थित सेंट मैरी चर्च, सेंट पैट्रिक चर्च, सेंट थॉमस चर्च सहित ग्वालटोली और अशोक नगर के गिरजाघरों को रंग-बिरंगी रोशनी, सितारों और झांकियों से भव्य रूप से सजाया गया था। चर्च परिसरों में चरनी की सुंदर झांकी लगाई गई, जिसमें बालक यीशु, माता मरियम और संत यूसुफ की प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र रहीं। 

देर रात बड़ी संख्या में श्रद्धालु चर्चों में एकत्र हुए और प्रभु यीशु के जन्मोत्सव में शामिल हुए।  ठीक रात 12 बजे जैसे ही प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा की गई, पादरियों द्वारा विशेष प्रार्थना संपन्न कराई गई। मोमबत्तियों की रोशनी में हुई इस प्रार्थना के दौरान लोगों ने एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और शांति, प्रेम व भाईचारे का संदेश साझा किया। 

पादरियों ने अपने उपदेश में कहा कि प्रभु यीशु का जन्म मानवता को प्रेम, क्षमा और सेवा का मार्ग दिखाने के लिए हुआ था। उन्होंने लोगों से समाज में शांति बनाए रखने, जरूरतमंदों की सहायता करने और आपसी सौहार्द को मजबूत करने की अपील की।

प्रार्थना सभा के दौरान प्रफुल्लित बच्चों ने कैरोल गीत गाए और प्रभु यीशु के जीवन पर आधारित लघु नाटिकाएं प्रस्तुत कीं, जिन्हें देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। युवाओं और महिलाओं ने भी सामूहिक प्रार्थनाओं में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 

चर्च परिसरो में अनुशासन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि किसी को असुविधा न हो। प्रार्थना सभा के बाद लोगों ने एक-दूसरे को केक खिलाकर खुशियां साझा कीं। चर्चों के बाहर और घरों में भी क्रिसमस केक काटे गए।  कई स्थानों पर सांता क्लॉज ने बच्चों को उपहार भेंट किए। बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया, जो सांता क्लॉज की वेशभूषा में नजर आए और उपहार पाकर खुश हुए। कई जगहों पर गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच भोजन और कपड़े भी वितरित किए गए, जिससे क्रिसमस का संदेश व्यवहार में भी नजर आया। माना जाता है कि क्रिसमस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, शांति और मानवता का उत्सव है। 

कानपुर में देर रात जन्मे प्रभु यीशु मसीह के स्वागत में चली प्रार्थनाओं ने यह संदेश दिया गया कि धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर सभी को एक-दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहना चाहिए। श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की कि प्रभु यीशु की कृपा से देश और दुनिया में शांति बनी रहे और हर व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद आए।

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