
संवाददाता
कानपुर। भोले शंकर की विशेष पूजा के लिए सावन महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान शिव की पूजा के लिए जहां एक ओर शिव भक्तों की टोली तैयार है तो दूसरी ओर मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई है। सावन के पहले सोमवार के लिए रविवार को शहर के लगभग ढाई सौ से अधिक मंदिरों में तैयारियों का दौर चलता रहा। मंदिर प्रबंधन ने शिव के श्रृंगार के लिए तरह-तरह की योजना बनाई है, वहीं भक्तों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान दिया है।
मंदिरों में रविवार को दिनभर साफ-सफाई, रंगरोगन और व्यवस्थाओं का दौर चला, शाम को अंतिम रूप दिया गया। मंदिरों के बाहर बेलपत्र, दूब, भांग, धतूरा, फूल, फल और भोग के साथ पूजन सामग्री की दुकानें सज गई हैं। मंदिर कमेटी ने भक्तों के प्रवेश व निकास के लिए बैरिकेडिंग की है। महिला और पुरुषों की लाइन अलग-अलग रखी गई हैं।
शहर के आनंदेश्वर, जागेश्वर, लोधेश्वर और सिद्धनाथ मंदिर में कहीं देर रात तो कहीं भोर पहर भक्तों के लिए पट खोल दिए जाएंगे। मंदिर के बाद पट खुलने, श्रृंगार व आरती का समय निर्धारित कर कर दिया गया है। जिससे भक्तों को किसी तरह की परेशानी न होने पाए। मंदिर कमेटी की तरफ से भक्तों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए है। पूछताछ, शिकायत आदि के स्टाल भी लगाए गए हैं।
आनंदेश्वर मंदिर दर्शन करने वाले जान ले कि गंगा घाट की तरफ जाने पर सख्त मनाती है। इस समय गंगा का जलस्तर बढ़ा होने के कारण घाट पर मंदिर कमेटी और पुलिस का पहरा है। भक्तों को घाट की तरफ जाने पर सख्त पाबंदी की गई है।
ज्योतिषाचार्य उद्धव राग़ेश शुक्ला ने बताया कि श्रावण मास के पहले सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में व्रत रखने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस योग में रुद्राभिषेक करने और व्रत रखने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। सोमवार को प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे तीन योग से सावन की शुरुआत हो रही है। इस बार शुरुआत और समापन सोमवार को ही है।
मंदिरों के द्वार खुलने का समय
जागेश्वर मंदिर : भोर पहर तीन बजे पट खुलकर रात 11 बजे बंद होगे। दिन में तीन बार होगा श्रृंगार
आनंदेश्वर मंदिर : भोर पहर दो बजे पट खुलकर रात 1 बजे बंद होगा, दिन में पांच बार आरती, श्रृंगार
पशुपतिनाथ : भोर पहर तीन बजे पट खुलकर रात 11 बजे बंद, दिन में चार बार श्रृंगार
सिद्धनाथ मंदिर : भोर पहर तीन बजे पट खुलकर रात 12 बजे बंद, दिन में चार बार श्रृंगार होगा






