
संवाददाता
कानपुर। जिस दिन राज्यों में 51 करोड़ मतदाताओं की सूची का शुद्धिकरण होगा, वह भी एक ऐतिहासिक कार्य होगा। अकेले बिहार में अब तक विश्व का सबसे बड़ा मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान चला है। जब यह प्रक्रिया पूरे देश में पूरी होगी, तब आपको न सिर्फ अपने चुनाव आयोग पर, बल्कि अपने मुख्य आयुक्त और अपने समाज पर भी गर्व होगा। यह कहना है मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का।
रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त आईआईटी कानपुर के फाउंडेशन डे में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्वरूप नगर स्थित टीएसएच स्पोर्ट्स हब में आयोजित माथुर वैश्य समाज के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में उन्होंने आईआईटी में पढ़ाई के दिनों के किस्से, कानपुर से जुड़ा अपनापन और यहां के अनुभव साझा किए। इसके साथ ही उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर भी विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा कि बिहार में विश्व का अब तक का सबसे बड़ा मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम चलाया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मैंने अपनी माता जी से कहा था कि बिहार चुनाव के चलते आईआईटी आने की संभावना नहीं है। आईआईटी के लोगों ने भी मेरे आने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन मैं अपनी माता जी की आज्ञा का पालन करते हुए कानपुर आया हूं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, रविवार को मैं एक पूर्व विद्यार्थी के नाते आईआईटी कानपुर के कार्यक्रम में शामिल होने आया हूं। आईआईटी ने मुझे जो सम्मान देने का निर्णय लिया है, वह मेरे लिए गर्व की बात है।
कानपुर में बिताए गए चार साल मेरे जीवन के सबसे ऊर्जावान और यादगार वर्ष रहे हैं। इस शहर से मुझे हमेशा गहरा लगाव रहा है। आज अपने समाज के लोगों से मिलने और अपने संस्थान आईआईटी कानपुर लौटने का अवसर पाकर मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, यह समय बिहार चुनाव का है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है न विपक्ष, सभी समान हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर, दूसरे चरण का 11 नवंबर और मतगणना 14 नवंबर को होगी।
मैं मतदाताओं से अपील करता हूं कि चुनाव के इस पर्व को उत्सव की तरह मनाएं और सभी लोग अपने मत का प्रयोग जरूर करें। जहां तक हिंसा की बात है, चुनाव आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मतदाता पारदर्शी और स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें, इसके लिए आयोग पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव के लिए 243 रिटर्निंग ऑफिसर, उतने ही ऑब्जर्वर, जिला कलेक्टर और पुलिस कप्तान तैनात हैं। हमें विश्वास है कि बिहार में होने वाला यह चुनाव पारदर्शिता, सक्षमता और सरलता का प्रतीक बनेगा और भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए एक नजीर पेश करेगा।






