
संवाददाता
कानपुर। 2 साल से अपने नाम के आगे सर नेम लगवाने के लिए चक्कर काट रही महिला को 24 घंटे में राहत मिल गई। पीड़िता ने जनता दर्शन में आकर अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसको जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया और तत्काल अधिकारियों से इस पर काम को करने के निर्देश दिए। इसके बाद महिला ने जिलाधिकारी को धन्यवाद दिया।
जनता दर्शन में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से महिला ने बताया कि खतौनी में उनका नाम शीला दर्ज है, जबकि उनका पूरा नाम शीला मिश्रा है। नाम पूरा न होने की वजह से उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वे पिछले 2 सालों से लेखपाल के चक्कर लगा रही हैं। लेकिन लेखपाल नाम में मिश्रा जुड़वाने के लिए अनावश्यक दौड़ा रहे हैं। साथ ही उन्हें कोर्ट केस करने की सलाह दे रहा है।
डीएम ने तत्काल एसडीएम सदर अविचल प्रताप सिंह को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। महज 24 घण्टे के अंदर तहसील प्रशासन ने अभिलेखों की जांच करके नाम में सुधार करते हुए मिश्रा जोड़ दिया। त्वरित राहत से प्रसन्न शीला मिश्रा ने डीएम और एसडीएम का आभार व्यक्त किया और कहा कि अब उन्हें किसान सम्मान निधि से सहायता राशि मिल सकेगी।
इसी तरह ग्राम पतारा, तहसील घाटमपुर निवासिनी शशि बाला पत्नी महेंद्र पाल सिंह ने जिलाधिकारी को सौंपे पत्र में बताया कि वे दिव्यांग हैं। उनके पति सेना से सेवानिवृत हुए हैं।
उन्होंने वर्ष 2023 में 1.612 हेक्टेयर भूमि का बैनामे से क्रय किया था। भूमि विभिन्न गाटो में है, लेकिन गांव के कुछ दबंग उन्हें अपनी भूमि पर खेती करने नहीं दे रहे हैं। साथ ही रंगदारी की भी मांग कर रहे हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर गई। प्रकरण की जांच की गई जिसमें पाया गया कि राजस्व अभिलेखों में शशि बाला का नाम से संक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज है। उसके आधार पर विभिन्न गाटों में स्थित उसकी भूमि पर उसका कब्जा दखल करवा दिया गया ।






