
संवाददाता
कानपुर। नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट आने वाले दिनों में दक्षिण अफ्रीका के गन्ना किसानों और शुगर मिल में काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देगा। एनएसआई, ब्लैक एग्रीकल्चरल कमोडिटीज़ फेडरेशन और सीलोन शुगर इंडस्ट्रीज़ एंड होल्डिंग्स श्रीलंका के बीच दक्षिण अफ्रीका के ईस्ट लंदन इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित स्वीट सोरघम – शुगरकेन, बायो-एथेनॉल एवं बायो-फर्टिलाइज़र पर कार्यशाला में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
यह एमओयू दक्षिण अफ्रीका के किसानों, चीनी कारखानों और खेतों के कर्मचारियों के लिए रणनीतिक ज्ञान विकास के उद्देश्य से हस्ताक्षरित किया गया है।
इस एमओयू के माध्यम से एनएसआई, चीनी और उसके उप-उत्पाद आधारित उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम ब्लैक एग्रीकल्चरल कमोडिटीज़ फेडरेशन द्वारा नामित प्रतिभागियों, जिनमें फैक्ट्री स्टाफ, फील्ड स्टाफ और किसान के लिए आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम दक्षिण अफ्रीका, भारत अथवा हाइब्रिड मोड में आयोजित किए जा सकते हैं।
प्रशिक्षण मॉड्यूल सीलोन द्वारा एनएसआई और ब्लैक एग्रीकल्चरल कमोडिटीज़ फेडरेशन के परामर्श से पारस्परिक सुविधा और सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के अधीन, तैयार किए जाएंगे।
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में गन्ना कृषि, जिसमें परिपक्वता का आकलन, कटाई तथा कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के उपाय शामिल हैं। इसके अलावा शुगर टेक्नोलॉजी, जिसमें चीनी उत्पादन प्रक्रिया शामिल है। शुगर इंजीनियरिंग, जिसमें चीनी संयंत्र का संचालन और रखरखाव शामिल होगा। इंडस्ट्रियल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं प्रोसेस ऑटोमेशन, उप-उत्पादों का उपयोग, गुणवत्ता नियंत्रण एवं पर्यावरण विज्ञान और को-जनरेशन एवं पावर इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।






