
संवाददाता
कानपुर। सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी अपने पिता की कब्र पर पहुंचे। यहां उन्होंने फूल चढ़ाए। चादर चढ़ाकर दुआ पढ़ी। उन्होंने कहा कि हमारे दादा, दादी सभी लोग यहीं पर दफन हैं। एक दिन हम सबको भी यहीं आना है तो इसी बहाने हम भी अपनी कब्र देख लेते हैं। इरफान मंगलवार को महाराजगंज जेल से छूटे थे। देर रात जाजमऊ स्थित अपने घर पहुंचे।
इरफान अपने पिता पूर्व विधायक हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर पहुंचे। इरफान ने अपने पिता हाजी मुश्ताक को याद किया। उनकी बातों को याद किया।
इरफ़ान ने कहा कि सच्चाई कभी पराजित नहीं हो सकती। पिताजी कहते थे कि जब तक आप सच के ऊपर हैं। सच के साथ हैं तो आदमी आपके साथ खड़ा रहेगा। दो-चार कदम को चलना कोई चलना नहीं कहते, जो रास्ते मंजिलों को न पहुंचे वह रास्ता, रास्ता नहीं। डर के बैठ जाएंगे तो लोग हमें भूल जाएंगे। गांधी जी भी लड़ते रहे, तब अंग्रेजों से हम आजाद हुए। हम भी आजाद होंगे।
वहीं कब्रिस्तान के अंदर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं हाथों में इरफान सोलंकी और सीसामऊ से विधायक नसीम सोलंकी की तस्वीरों की तख्तियां लेकर स्वागत कर रहे थे। जब कब्र से फातिहा पढ़ कर इरफान सोलंकी वापस निकले, तो बुजुर्गों ने फूलों की माला पहनाकर इरफान सोलंकी का स्वागत किया। इरफान सोलंकी ने भी वहां के लोगों से हाल-चाल लिया।






