
संवाददाता
कानपुर। रविवार को शाहूजी विश्वविद्यालय में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी छात्र-छात्राओ, शिक्षकों के साथ विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने सामूहिक ध्यान का अभ्यास किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया।
इस अवसर पर प्रति कुलपति ने सर्वप्रथम देश के प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया जिनके नेतृत्व में देश में आध्यात्मिक और योगानुकूल वातावरण विनिर्मित हुआ है।
उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने जहां एक ओर नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, वही दूसरी ओर सनातन संस्कृति से जुड़े हुए विषय भी अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालय का वातावरण योग और ध्यान से परिपूर्ण हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद यह द्वितीय बड़ी उपलब्धि है, जहां पर हम सभी लोग सामूहिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस मना कर ध्यान और योग के महत्व से अवगत और लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ध्यान की परंपरा सभी सम्प्रदायों में पायी जाती है। बौद्ध और जैन दर्शन में यह ध्यान की परंपरा बहुत ही प्रचलित और जनसामान्य से लिए लिए उपलब्ध है। उन्होंने बौद्ध दर्शन की विपश्यना ध्यान परंपरा पर विशेष प्रकाश डाला।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. राम किशोर ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में योग की ओपीडी संचालित है, जिसमें विभिन्न प्रकार के रोगियों का उपचार योग की विधाओं से किया जाता है। यहां पर योग से बीएससी, एमएससी, एमए और एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा भी संचालित है।
इस अवसर पर अंतरर्राष्ट्रीय छात्र प्रमुख डॉ. विकास सैनी, शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रवण कुमार यादव, क्रीडा सचिव निमिषा सिंह कुशवाहा, डॉ. राघवेंद्र चतुर्वेदी, शोधछात्र अनिल कुमार यादव, सूरज यादव, विशाल सहित योग ओपीडी के अभ्यासी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।






