December 27, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। बर्फीली हवाओं के चलने से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी परेशान है। ऐसे में कानपुर प्राणी उद्यान में रहने वाले गेंडा व हिरन की तमाम प्रजातियों समेत सभी प्रमुख शाकाहारी जानवरों को शीत लहर से बचाने के लिए प्राणी उद्यान प्रशासन की ओर से जानवरों की डाइट में बदलाव करते हुए उनके बाड़ो में इंफ्रारेड बल्ब लगाकर उन्हें सर्दी से बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण सर्दी की वजह से प्राणी उद्यान में रहने वाले जीव जंतु और पशु पक्षी परेशान है। ऐसे में गुरुवार को प्राणी उद्यान प्रशासन द्वारा शाकाहारी जानवरों को दी जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर जायजा लिया गया जिसमें पाया कि अपनी तरफ से किसी बड़े खतरे को आता देख तेजी से झाड़ियों में छुपने वाला हिरन शीत लहर से खुद को छुपाते हुए नजर आए।

प्राणी उद्यान प्रशासन द्वारा इन जानवरों को शीतलहर से बचाने के लिए उनके बाड़ो में इंफ्रारेड बल्ब लगवाए गए हैं। इन बल्ब से निकलने वाली रोशनी से गर्मी पैदा होती है। पूरे प्राणी उद्यान में 100 से भी ज्यादा बल्ब लगाकर इन जानवरों को गर्मी प्रदान की जा रही है। तो वहीं पक्षियों के पिंजड़ों को पूरी तरह से पॉलीथिन और त्रिपाल से ढका गया है ताकि उन्हें सर्द हवाओं से बचाया जा सके। कानपुर प्राणी उद्यान के चिकित्सक डॉ. अनुराग सिंह ने बताया कि पक्षियों को शारीरिक रूप से मजबूत रखने के लिए उन्हें खाने में मिर्च के साथ लहसुन प्याज और मौसमी फल जैसे से केला, संतरा और अंगूर के साथ-साथ सिंघाड़ा, शकरकंद और मूंगफली दी जा रही है। वहीं  शाकाहारी जानवरों में हिरण और बारासिंघा के आहार में बढ़ोतरी करते हुए उन्हें गुड का सेवन कराया जा रहा है जबकि गेंडे को गुड, केला और गन्ना दिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर इन जानवरों का परीक्षण कर आवश्यकता अनुसार उनके आहार में मल्टीविटामिन की मात्रा घटाई-बढ़ाई भी जाती है। 

कानपुर प्राणी उद्यान के मीडिया प्रभारी विश्वनाथ सिंह तोमर ने बताया कि सर्दी का असर यहां पर आने वाले दर्शको में भी देखने को मिल रहा है, सप्ताह के अंतिम दिनों में भीड़ सामान्य से कई गुना बढ़ जाती है। हमारा प्रयास है कि यहां पर आने वाले दर्शक मायूस न हो, इसके लिए चिड़ियाघर की ओर से तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गईं है।

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