December 7, 2025

संवाददाता
कानपुर।
केशवपुरम में भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर है जिसमें स्थापित शिवलिंग को भूतों ने एक ही रात में बनाया था। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है।
मंदिर के महंत बताते हैं कि यहां मन्नत मांगने वाले भक्तों की मन्नते जरूर पूरी होती हैं। बस उन्हें 40 दिन तक प्रतिदिन श्रद्धा से शिवलिंग पर जल चढ़ाना होता है।
माता सीता भी बिठूर में प्रवास के दौरान यहां गंगा में नाव के रास्ते आकर इस भूतेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने आया करती थी।
मंदिर के महंत संतोष गिरी महाराज ने बताया की पुरखों से सुनते आ रहे हैं कि हजारों साल पहले भूतों ने एक ही रात में इस शिवलिंग को स्थापित किया था। 
महंत ने बताया कि जब भगवान श्री राम ने माता सीता का परित्याग किया था और वह बिठूर में रह रही थीं। तब अपने पुत्र लव और कुश के साथ वह भूतेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने के लिए गंगा नदी में नाव के रास्ते यहां आती थी।
रावतपुर गांव में अब जहां रामलला मंदिर है,वहां एक राजा रहा करते थे। जब एक बार राजा कहीं निकले और कई वर्षों तक वापस नहीं आए, तो रावतपुर गांव की महारानी रतोही रावतपुर रामलला मंदिर की सुरंग के रास्ते भूतेश्वर मंदिर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आया करती थी।
महंत ने बताया कि यहां की विशेष मान्यता है की जो भी यहां अपनी मन्नत मांगता है, उसके 40 दिन लगातार जल चढ़ाने से मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाती है। महंत ने बताया कि यह भारत का एक अनोखा शिवलिंग है। जिसमें माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ समावेशित है। इसके साथ ही शिवलिंग रूप भी बदलता है, सुबह शिवलिंग वर मुद्रा में दिखाई देता है।