
संवाददाता
कानपुर। स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और औद्योगिक नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति–2024 के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर को ग्रीन हाइड्रोजन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को संयुक्त रूप से मंजूरी दी है। यह स्वीकृति उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण ने राज्य स्तरीय चयन समिति की संस्तुति के बाद प्रदान की गई है।
यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आईआईटी कानपुर और हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर के संयुक्त सहयोग से स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू कानपुर के परिसरों में संयुक्त रूप से साझा आधारभूत संरचना, प्रयोगशालाओं और उपकरणों के साथ संचालित होगा।
निर्णीत रूपरेखा के अनुसार, सेंटर के नोडल इंचार्ज प्रो. प्रबोध बाजपाई, सतत ऊर्जा अभियांत्रिकी, आईआईटी कानपुर और सह इंचार्ज जी एल देवनानी, रसायन अभियांत्रिकी, एचबीटीयू कानपुर रहेंगे। सेंटर में विकसित उपकरणों और सुविधाओं का उपयोग आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू कानपुर द्वारा साझा रूप से किया जाएगा। इस सेंटर में जितने भी प्रोजेक्ट किये जायेंगे उन में लीड और को-लीड के हिसाब से दोनों आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू कानपुर से रहेंगे।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, संग्रह, परिवहन, सुरक्षा मानकों, परीक्षण, डेमोंस्ट्रेशन और औद्योगिक उपयोग से जुड़े अनुसंधान और विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत रिफाइनरी, उर्वरक, परिवहन, विनिर्माण और ऊर्जा प्रणालियों जैसे क्षेत्रों के लिए व्यावहारिक तकनीकी समाधान विकसित किए जाएंगे।
यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस उत्तर प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के लिए एक साझा सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जिससे उन्हें ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में उन्नत परीक्षण, अनुसंधान और विकास सुविधाओं तक पहुंच मिल सकेगी। यह सेंटर पांच वर्षों में कम से कम उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड 50 स्टार्टअप्स को विकास में सहायता करेगी। ये स्टार्टअप्स ग्रीन हाइड्रोजन तकनीकों में नवाचार, पायलट परियोजनाओं और व्यावसायीकरण पर काम करेंगे।
इसके अलावा, सेंटर द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं, सेमिनार, तकनीकी प्रदर्शन और क्षमता निर्माण गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनका उद्देश्य छात्रों, शोधकर्ताओं, उद्योग पेशेवरों और सरकारी अधिकारियों के तकनीकी कौशल को मजबूत करना और राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ा एक मजबूत प्रतिभा प्रणाली विकसित करना है।
ग्रीन हाइड्रोजन के लिए इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना उत्तर प्रदेश को इस क्षेत्र में एक प्रमुख नवाचार और औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुसंधान, स्टार्टअप्स और उद्योगों के सहयोग से यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने, कार्बन उत्सर्जन कम करने, निवेश आकर्षित करने और राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगी।






