• अस्पताल में औषधी केंद्र और प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र मौजूद।

संवाददाता
कानपुर। नगर के सरकारी अस्पताल कमलापत मेमोरियल चिकित्सालय के डॉक्टर और एम आर की यारी मरीजों और उनके तिमारदारों पर भारी पड़ रही है। अस्पताल में औषधी केंद्र के अलावा प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र भी बना हुआ हैं। इसके बावजूद यहां के डॉक्टर मरीजों को धडल्ले से बाहर की दवा लिख रहे हैं। वहीं, खुलेआम एम आर अस्पताल के अंदर डॉक्टरों से ओपीडी में मिलने जाते रहते हैं।
जबकि तीन दिन पूर्व अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने साफ निर्देश दिए थे कि किसी भी सरकारी अस्पताल में बाहर की दवा नहीं लिखी जानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एडी हेल्थ को स्वयं जांच करने के निर्देश भी दिए, लेकिन उनकी बातों का असर यहां दिखाई नहीं दिया।
हड्डी की दवा हो, स्किन की दवा हो, या फिर विटामिन की दवा, सभी औषधी केंद्र में उपलब्ध रहती हैं। इसके अलावा ये दवाएं प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र में भी मिलती हैं। इसके बाद भी कुछ दवाएं ऐसी है जिनको डॉक्टर बाहर से ही लिख रहे हैं।
सबसे ज्यादा दवाएं विटामिन और स्किन से संबंधित लिखी जाती हैं। जैसे कि नशों की ताकत के लिए मिथाइको मालामेन की दवा आती है। इसके बावजूद पर्ची में स्कायलोबाल-एम लिखकर पर्ची दी जाती हैं। खून बढ़ाने के लिए हॉस्पिटल में पॉलिकएसिड आती है, लेकिन पॉलिविड के नाम से दवा लिखी जाती हैं, जोकि बाहर ही मिलती हैं।
आंखों के लिए नेविफ्रेश का ड्रॉप आता है, लेकिन क्रीम लिखी जाती है जो कि बाहर से लेनी पड़ती हैं। गैस के लिए डीएसआर मिलती है, लेकिन फिर भी बाहर से लिखी जा रही हैं। वहीं, विटामिन की दवा अस्पताल में मौजूद है लेकिन बाहर की दवा लायकोपेन लिखी जाती है।
अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल शुक्ला ने कहा कि सबको 3-3 बार निर्देश दे चुका हूं। अगर ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई करूंगा।
वहीं, जेडी हेल्थ डॉ. जेके मिश्रा ने कहा कि हम लोगों ने सभी को निर्देश दिए है कि कोई बाहर की दवा नहीं लिखेगा। यदि कोई करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।






